कहीं सिद्धू के खिलाफ तो नहीं लामबंद हो रहे कैप्टन खेमे के मेयर

Edited By Vatika,Updated: 02 Apr, 2018 11:00 AM

पंजाब की 4 प्रमुख नगर निगमों के मेयरों के एक हफ्ते के भीतर लगातार दूसरी बार मीटिंग करने को लेकर चर्चा छिड़ गई है कि कैप्टन अमरेंदर सिंह के खेमे से संबंधित ये मेयर कहीं लोकल बॉडीज मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ  तो लामबंद नहीं हो रहे।यहां बताना...

लुधियाना(हितेश): पंजाब की 4 प्रमुख नगर निगमों के मेयरों के एक हफ्ते के भीतर लगातार दूसरी बार मीटिंग करने को लेकर चर्चा छिड़ गई है कि कैप्टन अमरेंदर सिंह के खेमे से संबंधित ये मेयर कहीं लोकल बॉडीज मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ  तो लामबंद नहीं हो रहे।यहां बताना उचित होगा कि कैप्टन व सिद्धू भले ही सबके सामने अच्छे संबंध दिखाने की कोशिश करते रहे लेकिन अंदरखाते कुछ भी ठीक नहीं है जिसकी शुरुआत कैप्टन द्वारा सिद्धू के कांग्रेस में आने का विरोध करने से हुई थी हालांकि प्रियंका गांधी के दखल के चलते सिद्धू की कांग्रेस में एंट्री हो गई थी लेकिन कैप्टन ने एक परिवार एक टिकट के फार्मूले का हवाला देते हुए सिद्धू दंपति की चुनाव लडऩे की इच्छा पूरी नहीं होने दी।

यही हाल सिद्धू का डिप्टी सी.एम. बनने का सपना पूरा न होने के कारण हुआ और उन्हें दूसरे नंबर का मंत्री न बनाने सहित लोकल बॉडीज के साथ अर्बन डिवैल्पमैंट का विभाग भी नहीं दिया गया।यह लड़ाई यही खत्म नहीं हुई कैप्टन ने फास्ट वे केबल के खिलाफ  कार्रवाई करने बारे सिद्धू की मांग भी पूरी नहीं की जिसका दर्द सिद्धू ने कई बार स्टेजों से यह कह कर जाहिर किया कि अगर उनके पास होम डिपार्टमैंट होता तो सुखबीर सिंह बादल व बिक्रम सिंह मजीठिया को जेल भेजने का सपना पूरा करते जिसे लेकर सिद्धू ने कई बार कैबिनेट मीटिंग में हिस्सा नहीं लिया और हाईकमान तक जानकारी दी।लेकिन कैप्टन पर कोई असर नहीं हुआ और उनके खेमे ने दिल्ली दरबार में सिद्धू की पोजीशन कमजोर करने की कवायद तेज कर दी जिसके तहत सिद्धू के हिमाचल प्रदेश व गुजरात के चुनाव में प्रचार के लिए न जाने का मुद्दा उठाया गया और फिर सिद्धू के भाजपा में जाने की खबरें भी फैलाई गई।

हालांकि इन अटकलों को खारिज करने के लिए सिद्धू ने कांग्रेस अधिवेशन में हर नेता के प्रति वफादारी साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इसी बीच लुधियाना, जालंधर, अमृतसर व पटियाला के मेयरों की लगातार 2 दिन हुई मीटिंग से चर्चा छिड़ गई है कि कहीं कैप्टन कैंप द्वारा उनको सिद्धू के खिलाफ मोहरा तो नहीं बनाया जा रहा, क्योंकि भले ही यह मेयर अपनी मुलाकात को नगर निगमों का रैवेन्यू बढ़ाने के लिए चर्चा करने का नाम दे रहे हैं लेकिन असलियत में उन्होंने लोकल बॉडीज विभाग से हो रही परेशानी बारे विचार किए हैं और इस संबंध में जल्द कैप्टन से मिलने का फैसला भी किया गया है।इस कवायद को सिद्धू के खिलाफ  इस नजर से भी देखा जा सकता है, क्योंकि मेयरों की मीटिंग बुलाने की पहल अमृतसर के मेयर करमजीत सिंह रिंटू ने की है जिनको बनाने के खिलाफ  सरेआम मोर्चा खोलते हुए सिद्धू ने शपथ ग्रहण समारोह का बायकाट किया था। हालांकि बाद में सिद्धू का रुख नर्म हो गया था लेकिन अब लुधियाना का मेयर चुनने के लिए सिद्धू की जगह कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर बाजवा को ताजपोशी समारोह में चीफ  गैस्ट बनाकर भेज दिया गया। मेयर बलकार संधू द्वारा लुधियाना में बुलाई गई बाकी शहरों के मेयरों की मीटिंग में लोकल बॉडीज विभाग के पास पैंङ्क्षडग मामलों की चर्चा होने को आगामी कैबिनेट विस्तार से जोड़ कर देखा जा रहा है।

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