कैप्टन ने नशे को जड़ से खत्म करने का किया था वायदा,पर नहीं टूटा नशा तस्करों का नैटवर्क

Edited By swetha,Updated: 17 Sep, 2019 10:38 AM

captain amarinder singh government action against drug smugglers

नशे का कारोबार करने वालों के खिलाफ सख्त एक्शन लेने का वायदा करके सत्ता में आई कैप्टन सरकार ने भले ही शुरूआती दिनों में ही एस.टी.एफ. गठित करके अपना पक्का इरादा जाहिर कर दिया था।

चंडीगढ़(रमनजीत सिंह): नशे का कारोबार करने वालों के खिलाफ सख्त एक्शन लेने का वायदा करके सत्ता में आई कैप्टन सरकार ने भले ही शुरूआती दिनों में ही एस.टी.एफ. गठित करके अपना पक्का इरादा जाहिर कर दिया था। पर उसके बाद के घटनाक्रमों की वजह से एस.टी.एफ. के पहले चीफ हरप्रीत सिंह सिद्धू को हटा दिया गया, जिससे लोगों का विश्वास डगमगा गया। हालांकि नशे के खिलाफ पंजाब पुलिस द्वारा अपना अभियान लगातार जारी रखा गया और दावे किए जाते रहे कि नशे के व्यापार की कमर तोड़ दी गई है और सप्लाई चेन तोड़ने में सफलता हासिल की गई है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती रही। 

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नशे की डोज लेते वक्त कोटकपूरा में मारे गए नौजवान की विलाप करती मां के वीडियो ने राज्य के हर व्यक्ति को झकझोर दिया और फिर से हर जन के निशाने पर सरकार की ढीली कारगुजारी आ गई। विरोधी दलों व सामाजिक संगठनों ने लगातार नशे की वजह से होने वाली मौतों के कारण सरकार को कई मोर्चों पर घेरा और आखिरकार सरकार को अपने ही फैसले को पलटते हुए फिर से हरप्रीत सिंह सिद्धू को एस.टी.एफ. की जिम्मेवारी सौंपनी पड़ी। हालात अभी भी बहुत बेहतर नहीं हुए हैं लेकिन इतना जरूर कहा जा रहा है कि सप्लाई लाइन कटने की वजह से नशे की उपलब्धता पर बहुत असर पड़ा है ।

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इसका नतीजा यह हो रहा है कि चिट्टा या हैरोइन नहीं मिलने के कारण दर्द निवारक दवा मॉरफीन का इस्तेमाल नशा तस्कर अपने ग्राहकों की डिमांड पूरी करने के लिए कर रहे हैं।  नौजवान लड़कियों और महिलाओं के भी नशे के चंगुल में फंसे होने के खुलासों ने समस्या की गंभीरता एकबारगी फिर से उजागर कर दी है और सरकार को भी अपनी रणनीति पर दोबारा विचार करने और नशा छुड़ाओ केंद्रों से मिलने वाली दवा के ही नशे के तौर पर बढ़े इस्तेमाल को रोकने के लिए बुप्रोनॉरफिन जैसी दवा के बेवजह इस्तेमाल को प्रिस्क्रिप्शन रिस्ट्रिक्शन के साथ काबू करने का प्रयास किया जा रहा है। 

क्या कहना है  डी.जी.पी. पंजाब का

एन.डी.पी.एस. एक्ट के तहत 29,182 एफ.आई.आर. दर्ज की गई हैं। इसके साथ ही 100 से अधिक बड़े तस्करों को चिन्हित किया गया है, जिनकी धर-पकड़ के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। कैदियों तक नशा पहुंचाने वाले तस्करों पर सख्त नजर रखने के लिए जेल विभाग के साथ तालमेल करके काम किया जा रहा है। साथ ही सरहदी जिलों में एन.सी.बी. के साथ मिलकर काम किया जा रहा है। -दिनकर गुप्ता, डी.जी.पी. पंजाब 

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