Edited By Vatika,Updated: 30 Jun, 2018 09:24 AM
सत्ता में आने पर महज 4 सप्ताह के भीतर प्रदेश से नशे का खात्मा करने का दावा करने वाले प्रदेश के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह अब इस मुद्दे पर खुद ही बैकफुट पर नजर आ रहे हैं। या तो उन्हें प्रदेश में नशा सप्लायरों के सही आंकड़े नहीं मालूम या फिर वह...
जालंधर(रविंदर): सत्ता में आने पर महज 4 सप्ताह के भीतर प्रदेश से नशे का खात्मा करने का दावा करने वाले प्रदेश के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह अब इस मुद्दे पर खुद ही बैकफुट पर नजर आ रहे हैं। या तो उन्हें प्रदेश में नशा सप्लायरों के सही आंकड़े नहीं मालूम या फिर वह सरकार की कार्यप्रणाली को छुपाना चाहते हैं।
सत्ता में आने के बाद एक इंटरव्यू में कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने कहा था कि प्रदेश में 52,000 के करीब नशा सप्लायर सक्रिय हैं और वे प्रदेश को पूरी तरह से घुन लगा रहे हैं। अब डेढ़ साल बाद कैप्टन अमरेंद्र सिंह का दावा है कि उनकी सरकार ने 10,000 नशा सप्लायरों को सलाखों के पीछे डाला है। यानी श्री गुटका साहिब की कसम खाकर 4 सप्ताह में नशे का खात्मा करने का दावा करने वाले कैप्टन अब खुद मान रहे हैं कि प्रदेश में अभी भी 42,000 नशा सप्लायर सक्रिय हैं और डेढ़ साल में महज 20 प्रतिशत सप्लायरों पर ही सरकार चोट कर पाई है जबकि पुलिस के उच्चाधिकारियों व सरकार का दावा है कि नशे की सप्लाई लाइन पूरी तरह से टूट चुकी है।
या तो सरकार के दावे झूठे हैं या फिर नशा सप्लायरों की संख्या को लेकर कैप्टन के बोल झूठे हैं। कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने यह भी माना कि नशा सप्लायर का किंगपिन हांगकांग की जेल में बैठा है और वहीं से इस धंधे को चलाया जा रहा है। पंजाब सरकार इस प्रयास में है कि इस किंगपिन को भारत लाया जा सके। हालांकि नशा सप्लायर के अलावा प्रदेश में कितने बड़े मगरमच्छ सक्रिय हैं, इसकी सरकार के पास कोई जानकारी नहीं है।