पंजाब में कांग्रेस ढूंढ रही है ‘कैप्टन’, 2019 चुनावों को लेकर खेल सकती है ‘दलित कार्ड’

Edited By Vatika,Updated: 10 May, 2018 10:10 AM

captain amarinder singh

राजनीति में ‘राज’ के लिए कब ‘नीति’ बदल जाए कोई अब तक समझ नहीं सका है। पंजाब में सत्ता संभाले कांग्रेस को करीब डेढ़ वर्ष हो गए हैं, मंत्रिमंडल के दूसरी विस्तार की लिस्ट के बाद से मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह व कांग्रेस के कई धुरंधर नेताओं के बीच...

अमृतसर (स.ह., कमल, नवदीप) : राजनीति में ‘राज’ के लिए कब ‘नीति’ बदल जाए कोई अब तक समझ नहीं सका है। पंजाब में सत्ता संभाले कांग्रेस को करीब डेढ़ वर्ष हो गए हैं, मंत्रिमंडल के दूसरी विस्तार की लिस्ट के बाद से मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह व कांग्रेस के कई धुरंधर नेताओं के बीच ‘हाथ’ भले ही मिल रहे हों लेकिन ‘दिल’ मिलता नहीं दिख रहा है। ऐसे में 2019 पंजाब लोकसभा चुनावों को लेकर कांग्रेस पंजाब में ऐसे कैप्टन का चुनाव करने की तैयारी में है जो चुनावों की नैया पार लगाए और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह के साथ मिलकर कांग्रेस का हाथ पंजाब में मजबूत करे।

‘पंजाब केसरी’ को मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस 2019 में चुनाव से पहले व कर्नाटक में चुनावी नतीजों के बाद पंजाब में फेरबदल करने जा रही है। कांग्रेस ‘दलित कार्ड’ खेलने के लिए ऐसे कद्दावर दलित नेता को पंजाब की कमान सौंपने का मन बना रही हो जिसकी पहचान देश भर में दलित वर्ग के बीच हो। माना जा रहा है कि कांग्रेस हाईकमान ने मौजूदा कांग्रेस प्रधान सुनील जाखड़ को दिल्ली की राजनीति व डा. राजकुमार को पंजाब की राजनीति में पैर जमाने की नसीहत दी है।डा. राजकुमार वेरका दलित वर्ग के लिए पिछले 10 वर्षों से देश के कोने-कोने में इंसाफ दिलाने के लिए आवाज बने हुए हैं। माना जा रहा है कि राहुल गांधी ने 2019 चुनावों से पहले पंजाब प्रधान पद की कमान सौंपने की तैयारी कर चुके हैं, बस पंजाब कांग्रेस के नए कैप्टन (प्रधान) के लिए कैप्टन अमरेंद्र सिंह की परवानगी कांग्रेस सर्वसम्मति से लेने की कवायद में है। 

 

राहुल गांधी कर सकते हैं पंजाब की धरती पर बड़ा ऐलान
अमृतसर पश्चिमी विधानसभा के विधायक डा. राजकुमार वेरका को मंत्रिमंडल में जगह न दिए जाने के चलते उनके समर्थक कैप्टन अमरेंद्र सिंह से ‘खफा’ दिख रहे हैं और वहीं 2019 में लोकसभा चुनावों को लेकर एकजुट होकर रणनीति बनाने का फरमान दिल्ली स्थित कांग्रेस भवन से पंजाब पहुंच चुका है। ऐसे में पंजाब कांग्रेस में गुटबंदी खत्म करने की कमान अब राहुल गांधी ने संभाल ली है। आस्ट्रेलिया से राजकुमार वेरका को दिल्ली बुलाकर राहुल गांधी ने उनसे ढेर सारी बातें की। हालांकि इन बातों से डा. राजकुमार वेरका पर्दा नहीं उठा रहे हैं लेकिन दूसरी तरफ अपने समर्थकों से यही कह रहे हैं कि पार्टी सर्वोपरि है, अनुशासन हमारा कत्र्तव्य। कुल मिलाकर पंजाब में कांग्रेस जल्द ही 2019 चुनावों को लेकर पत्ते खोलने की रणनीति बना चुकी है। राहुल गांधी कभी भी पंजाब की धरती से बड़ा ऐलान कर सकते हैं।

 

विधायक डा. राजकुमार से ‘पंजाब केसरी’ का एक सवाल देश का हर ‘हाथ’ कांग्रेस के साथ : डा. राजकुमार 
सवाल : पंजाब में कांग्रेस सत्ता में आई, मंत्रिमंडल विस्तार की दूसरी लिस्ट में भी नाम नदारत, पता चला है कि मंत्रिमंडल के विस्तार के बाद आप आस्ट्रेलिया चले गए थे, आपको फोन करके राहुल गांधी ने बुलाया, यह भी पता चला है कि पंजाब में‘ एस.सी./एस.टी.’ कार्ड खेलने के लिए कांग्रेस पंजाब की बागडोर आपको सौंपने जा रही है, इस बाबत राहुल गांधी के साथ आपकी बैठक भी हुई है? 

जवाब : मैं तो कांग्रेस पार्टी का सच्चा सिपाही हूं, कांग्रेस पार्टी हाईकमान क्या फैसला ले रही है या लेगी, यह हाईकमान जाने। मुझे जो जिम्मेदारी सौंपी जाएगी उसे मैं ईमानदारी व कत्र्तव्यनिष्ठा से पूरा करूंगा। मैं आस्ट्रेलिया गया था, मुझे राहुल गांधी ने दिल्ली में आयोजित रैली के लिए बुलाया था। राहुल गांधी से बैठकें तो होती ही रहती हैं, लेकिन मुझे इस बाबत कोई जानकारी नहीं है। मुझे पद की लालसा कभी नहीं रही। मेरी हसरत है कि 2019 में कांग्रेस बहुमत से केन्द्र की सत्ता में लौटे, यह हरेक कांग्रेसी का सपना है। इस सपने को साकार करने के लिए मैं हर वक्त, हर पल कांग्रेस के बताए रास्तों पर चलता रहां हूं और चलता रहूंगा, चाहे रास्ता कितना भी जटिल। आगामी लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर मेरा यही नारा है, देश का हर ‘हाथ’, कांग्रेस के साथ।

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