Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Sep, 2017 04:48 PM
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने ब्रिटेन तथा कनाडा की सेना में सिख समुदाय के लोगों के शामिल होने को ऐतिहासिक व
जालंधर/लंदन (धवन): पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने ब्रिटेन तथा कनाडा की सेना में सिख समुदाय के लोगों के शामिल होने को ऐतिहासिक व गौरवमयी घटना बताते हुए कहा है कि सिख सैनिकों ने हमेशा समुदाय का गौरव बढ़ाया है।
लंदन के नैशनल रॉयल म्यूजियम में सारागढ़ी लड़ाई की 120वीं वर्षगांठ के अवसर पर अपनी पुस्तक को रिलीज करने के समय मुख्यमंत्री ने कहा कि सारागढ़ी लड़ाई में सिख सैनिकों ने अपने शोर्य का प्रदर्शन करके इतिहास में सिख समुदाय का नाम रोशन किया। उन्होंने बताया कि किस तरह से सारागढ़ी लड़ाई में 22 सिख सैनिकों ने अफगानी कबीलों के लोगों को बुरी तरह से पराजित कर दिया था। उन्होंने कहा कि इतिहास इस लड़ाई को कभी भी भूल नहीं पाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हवलदार ईशर सिंह की सारागढ़ी लड़ाई में भूमिका को पंजाबी कवि भी भूल नहीं पाएंगे। सिख समुदाय का इतिहास शोर्य की घटनाओं से भरा हुआ है परंतु सारागढ़ी लड़ाई में सिख सैनिकों की वीरता को वह पहले स्थान पर रखते हैं।
उन्होंने कहा कि भारतीय सेना में सिखों के प्रतिनिधित्व में कमी नहीं आएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सारागढ़ी लड़ाई की 120वीं वर्षगांठ के अवसर पर उनकी दोनों पुस्तकों ‘द 36 सिख इन द तिराहा कंपेन 1897-98’ तथा ‘सारागढ़ी एंड द डिफैंस ऑफ सामाना फोर्ट्स’ का रिलीज होना उनके लिए गौरवमयी क्षण है।उन्होंने कहा कि सेना इतिहास पर पुस्तकें लिखना उनके लिए ऐतिहासिक बातें हैं क्योंकि सिख समुदाय की सेना में भूमिका को आगे लाना वह अपना कत्र्तव्य समझते थे। इस अवसर पर उन्होंन अपनी पुस्तक फील्ड मार्शल सर जॉन लियोन चैपल को भेंट की जिन्होंने 20वीं शताब्दी के दूसरे उत्तराद्र्ध में ब्रिटिश सेना में अहम योगदान डाला था। वह 1988 से 1992 तक ब्रिटिश आर्मी में चीफ ऑफ दी जनरल स्टाफ भी रहे।