Edited By swetha,Updated: 22 Apr, 2020 09:31 AM
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पंजाब की नाजुक वित्तीय स्थिति का हवाला देते हुए चरणबद्ध ढंग से शराब के ठेके खोलने की इजाजत देने की मांग की है।
चंडीगढ़ः मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पंजाब की नाजुक वित्तीय स्थिति का हवाला देते हुए चरणबद्ध ढंग से शराब के ठेके खोलने की इजाजत देने की मांग की है। उन्होंने गृहमंत्री को भेजे एक पत्र में लिखा है कि शराब के ठेके खुलने से वैट व आबकारी का राजस्व जुटाया जा सकेगा। राज्य सरकार को इजाजत दी जाए कि वह कोविड-19 की रोकथाम के लिए शारीरिक दूरी को सख्ती से यकीनी बनाते हुए कुछ इलाकों में शराब की बिक्री का फैसला ले सके। इससे राज्य सरकार को रोजाना के खर्च पूरा करने में राहत मिलेगी।
राज्य में राजस्व की अनुमानित प्राप्ति व खर्च में चिंताजनक बढ़ रहे अंतर का हवाला देते हुए कैप्टन ने केंद्र सरकार से 3000 करोड़ के अंतरिम मुआवजे की मांग की। इसके साथ ही 4400 करोड़ रुपए के बकाए जी.एस.टी. के भी तुरंत भुगतान की मांग उठाई। कैप्टन ने कहा कि पिछले 4 माह का जी.एस.टी. रुका हुआ है। वहीं एस .जी.सी.टी., आई .जी.एस.टी., वैट, आबकारी, स्टांप ड्यूटी और मोटर व्हीकल टैक्स के रूप में आने वाला रेवेन्यू मामूली रह गया है। बिजली की खपत कम होने से बिजली डयूटी से आने वाला रेवेन्यू भी 60 फीसदी कम हो गया है। सी.एम. ने कहा कि अप्रैल में पेंशन, वेतन, कोविड-19 के राहत कार्य, स्वास्थ्य आदि के लिए 7301 करोड़ रुपए के बजट की आवश्कता है। गौरतलब है कि पंजाब में कर्फ्यू के कारण शराब के ठेके भी बंद हैं और 31 मार्च के बाद लागू होने वाली नई आबकारी नीति भी लागू नहीं हो सकी है।
एक्साइज विभाग के पास लगातार मांग आ रही है कि शराब की सेल को या तो ऑनलाइन शुरू किया जाए या कुछ तय समय के लिए खोलने की इजाजत दी जाए। ठेकेदार तो यहां तक मांग रहे हैं कि सरकार चाहे तो शराब पर कोरोना सेस लगा दे। हालांकि, एक्साइज एंड टैक्सेशन कमिश्नर विवेक प्रताप का कहना है कि कई मामलों में राज्य सरकार केंद्र से बाहर नहीं जा सकती है। जिन राज्यों ने ठेके खोले भी थे, उन्होंने भी केंद्र के फैसले के बाद बंद कर दिए थे।