Edited By Vaneet,Updated: 29 May, 2018 09:28 PM
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने धार्मिक मामलों में कथित दखलअंदाजी को लेकर शिरोमणि ...
चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने धार्मिक मामलों में कथित दखलअंदाजी को लेकर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) के एतराज के संदर्भ में कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था को बनाए रखना उनकी पहली जिम्मेदारी है तथा एसजीपीसी को मतभेदों को दोस्ताना ढंग से हल करना चाहिए।
कैप्टन अमरेंद्र ने एसजीपीसी के प्रधान गोबिंद सिंह लोंगोवाल को लिखे पत्र में कहा कि एक-दूसरे को दी जा रही धमकियां सख्य समाज में स्वीकार्य नहीं हैं और वह न तो मुख्यमंत्री के तौर पर और न ही एक व्यक्ति के तौर पर इनको स्वीकृत करते हैं। मुख्यमंत्री ने दो दिन पूर्व दमदमी टकसाल की तरफ से सिख प्रचारक रणजीत सिंह ढडरियांवाला को दी गई कथित रूप से जान से मारने की धमकी को लेकर दमदमी टकसाल को चेतावनी दी थी जिस पर एसजीपीसी का बयान आया था कि सरकार को दमदमी टकसाल और संत रणजीत सिंह ढडरियांवाला के बीच मतभेदों के बीच में नहीं पडऩा चाहिए।
सिंह ने लोंगोवाल को लिखे पत्र में कहा है कि अगर विभिन्न सिख संप्रदायों के बीच कोई मतभेद हैं तो एसजीपीसी के प्रधान होने के नाते यह उनका (लोंगोवाल का) फर्ज बनता है कि वह इसे हल करें या इस मामले में श्री अकाल तख्त के जत्थेदार साहिब के दखल की मांग करें। मुख्यमंत्री ने आगे लिखा है कि पंजाब बहुत मुश्किलों भरे समय में गुजरा है और अब वह समय है जब एसजीपीसी द्वारा ऐसे मामलों के दोस्ताना हल के लिए पहलकदमी करनी चाहिए। कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने कहा है कि एसजीपीसी के प्रधान के नाते इस संबंध में जरूरी कदम उठाना लोंगोवाल की जिम्मेदारी है।