Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 Jun, 2017 01:23 PM
महानगर में कैमिकल से फल पकाने या बेचने पर रोक लगाने के लिए जवाबदेह नगर निगम व सेहत विभाग के अफसरों द्वारा यह जिम्मेदारी न निभाए
लुधियाना (हितेश): महानगर में कैमिकल से फल पकाने या बेचने पर रोक लगाने के लिए जवाबदेह नगर निगम व सेहत विभाग के अफसरों द्वारा यह जिम्मेदारी न निभाए जाने कारण जनता के साथ-साथ खुद उन अधिकारियों के परिवार भी वे फल खा रहे हैं। ये फल कैंसर की वजह बन सकते हैं। लोकल बॉडीज विभाग के एडीशनल चीफ सैक्रेटरी ने गर्मी या बरसात के मौसम में होने वाली बीमारियों की रोकथाम के प्रबंध करने बारे 6 जून को जो मीटिंग की थी, उसमें एक पहलू दूषित खाद्य पदार्थों की बिक्री रोकने का भी था।
इसके तहत कच्चे, गले हुए या खुले में काटकर फल-सब्जियां बेचने वालों पर एक्शन लेने के आदेश तो दिए ही गए। उसके अलावा मसाला यानी कि कैल्शियम कार्बाइड लगाकर फल पकाने वालों की सूची बनाकर सिविल सर्जन को भेजने तथा लोगों को ऐसे फल न खाने बारे जागरूक करने की मुहिम चलाने के लिए कहा। इन निर्देशों को लागू करने बारे सेहत अफसर ने 12 जून को संबंधित स्टाफ को लिखित में सूचित भी कर दिया। लेकिन अब तक उस पर अमल का कहीं नामोनिशान नहीं हैं, क्योंकि निगम व सेहत विभाग दोनों के ही अधिकारी शहर में जानलेवा फलों को बेचने वालों पर कार्रवाई करने के लिए तैयार नहीं हैं।
कैलशियम कारबाइड पर भारी पडऩे लगने गैस बेसिड चाइनीज पुडिय़ा
चाईना जहां भारतीय बाजार में बुरी तरह सेंध लगा रहा है। वहीं, उसने फल को गलत ढंग से पकाने की फील्ड को भी नहीं बखशा। जहां पहले कैलशियल कारबाईड यानी कि मसाले का प्रयोग होता था। वहां अब चाईनीज पुडिय़ा का कब्जा होने लगा है। जो गैस बेसिड है और उससे पकाए फल कैंसर के अलावा हार्ट अटैक को भी न्यौता देते हैं। उसका प्रयोग इस सीजन में आम पर जमकर हुआ है और पपीते वाले भी उसका ट्रायल कर रहे हैं।