पाक दौरे को लेकर मचे बवाल पर बोले सिद्धूःमंत्रियों के बयान राजनीति से प्रेरित, मुझे परवाह नहीं

Edited By Naresh Kumar,Updated: 26 Aug, 2018 10:02 AM

cabinet minister navjot sidhu interview

स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा है कि उनके पाकिस्तान दौरे को लेकर कैबिनेट में हुआ उनका विरोध राजनीति से प्रेरित है। इसके तार कहीं ओर जुड़े हैं। मुझे इसकी परवाह नहीं है क्योंकि पार्टी हाईकमान सहित पंजाब के कई नेता इस मामले में मेरे साथ...

जालंधरःस्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा है कि उनके पाकिस्तान दौरे को लेकर कैबिनेट में हुआ उनका विरोध राजनीति से प्रेरित है। इसके तार कहीं ओर जुड़े हैं। मुझे इसकी परवाह नहीं है क्योंकि पार्टी हाईकमान सहित पंजाब के कई नेता इस मामले में मेरे साथ हैं। नवजोत सिंह सिद्धू के साथ पंजाब केसरी के संवाददाता नरेश कुमार ने बातचीत की। पेश है पूरी बातचीत-

प्र. : आम आदमी पार्टी के बिखराव को आप किस तरह देखते हैं?
उ.
: संगठित शक्ति जीत का कारण होती है और विभाजित शक्ति पतन का कारण बनती है। आम आदमी पार्टी  ‘कुकड़ी के खंभ’ की तरह बिखर गई है। इनका झाड़ू तीले-तीले हो गया है। आप दो तिनकों के साथ घर की सफाई नहीं कर सकते हैं, उसके लिए तिनके इकट्ठे करके झाड़ू बनाना पड़ता है। यह पार्टी जार-जार हो गई है। यह लोग पंजाब की बात क्या करेंगे। यह तो खुद के मसले नहीं सुलझा सकते। पहले अपने आपको संवारें फिर पंजाब के लोगों के बारे में बात करें। 

प्र. : बरगाड़ी रिपोर्ट पर हिम्मत सिंह के यू-टर्न को आप किस तरह से देखते हैं?
उ.
: हिम्मत सिंह ने बेशर्मी दिखाने में सच में बहुत हिम्मत दिखाई है। विधानसभा में इस मामले में मैं अपना पक्ष रखूंगा और पार्टी पूरी मजबूती के साथ इस मामले में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के साथ खड़ी है। हालांकि इसकी रिपोर्ट लीक हो गई है लेकिन इसके बावजूद विधानसभा में इस मामले पर पार्टी आक्रामक रुख अख्तियार करेगी। 

प्र. : क्या विधानसभा के कामकाजी दिन बढ़ाए जाने के प्रताप सिंह बाजवा के बयान से आप सहमत हैं?
उ.
: असल में विधानसभा को मच्छी मार्कीट बना दिया गया है। ऐसा नहीं होना चाहिए। जिन लोगों ने 10 साल में गलत काम किए हैं उनकी पोल खुलती है तो वह हंगामा करके सदन को बाजार बना देते हैं लेकिन पंजाब के लोगों के मसलों को उठाने के लिए वक्त बढऩा चाहिए बल्कि मैं तो चाहता हूं कि विधानसभा की कार्रवाई का सीधा प्रसारण किया जाना चाहिए ताकि पंजाब के लोगों को पता चल सके कि उनके चुने हुए प्रतिनिधि सदन में क्या काम कर रहे हैं।PunjabKesari

प्र. : क्या भारत-पाक में क्रिकेट संबंध बहाल होने चाहिएं?
उ. : भारत-पाकिस्तान के क्रिकेट संबंधों का फैसला सरकार ने करना है और यदि सरकार को उचित लगता है तो यह जरूर बहाल होना चाहिए लेकिन मेरी सलाह है कि दोनों देशों की अपने-अपने देश में क्रिकेट लीग (आई.पी.एल.) की चैम्पियन टीमों के मध्य मैच करवा कर इसकी शुरूआत करनी चाहिए। कलाकार और खिलाड़ी ही सरहदों की दूरियों को खत्म कर सकते हैं क्योंकि इन्हें दोनों तरफ प्यार मिलता है। 

प्र. : पाकिस्तान में सेनाध्यक्ष बाजवा के साथ जफ्फी का आपके कैबिनेट के सहयोगी विरोध क्यों कर रहे हैं?
हूं यह विरोध राजनीति से प्रेरित है। मैंने तो इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। इसके तार कहीं और जुड़े हुए हैं। तुनका कहीं और से बज रहा है लेकिन मुझे इन तुनकों की परवाह नहीं है। मैं अपनी राह पर विश्वास से चला हूं। मुझे वहां पर प्यार और विश्वास मिला है। परमात्मा मेरे साथ है। 

प्र. : गुरुद्वारा करतारपुर साहिब का मार्ग खोलने के लिए कैप्टन अमरेन्द्र सिंह द्वारा सुषमा स्वराज को लिखे गए पत्र को आप कैसे देखते हैं?
उ.
: उनके पत्र का स्वागत किया जाना चाहिए। पूरी पार्टी इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के साथ है और मैं भी इस मामले में उनके साथ हूं। यह पूरे पंजाब का मामला है इस पर सियासत नहीं होनी चाहिए। गुरु नानक देव जी सबके सांझे हैं और यदि हम सबके प्रयासों से गुरुद्वारा साहिब का मार्ग खुलता है तो यह हम सबके लिए बड़ी बात होगी।PunjabKesari

प्र. : क्या आप मौका मिलने पर दोबारा पाकिस्तान जाएंगे?
उ.
: बिना बुलाए मैं सिर्फ दरबार साहिब जाता हूं लेकिन इसके बावजूद यदि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बिना बुलाए पाकिस्तान जा सकते हैं तो मुझे वहां निमंत्रण मिलने पर जाने में घमंड़ क्यों करना चाहिए। 

प्र. : आपके पाकिस्तानी दौरे को लेकर विरोधी आलोचना क्यों कर रहे हैं?
उ.
: आप जिंदगी में सबको संतुष्ट नहीं कर सकते। जो व्यक्ति सबको संतुष्ट करने की कोशिश करता है वह किसी को संतुष्ट नहीं कर पाता। उत्तर प्रदेश में 30 फीसदी वोटों के साथ सी.एम. बन जाता है और 70 फीसदी लोग फिर भी उसके खिलाफ होते हैं। पत्थर उसी पेड़ को मारे जाते हैं जिस पर आम लगे होते हैं। नीम को कोई पत्थर नहीं मारता। मुझे विरोध करने वाले 10 फीसदी लोगों की परवाह नहीं क्योंकि 90 फीसदी लोग मेरा समर्थन कर रहे हैं। 

प्र. : पाकिस्तान के धोखेबाजी वाले इतिहास को देखते हुए क्या उस पर भरोसा किया जा सकता है?
उ.
: मेरे से पहले स्व. अटल बिहारी वाजपेयी पाकिस्तान गए थे तो बदले में कारगिल मिला था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पाक गए तो  बदले में पठानकोट मिला और पाकिस्तान के किसी नेता ने भारत के पक्ष में एक शब्द नहीं बोला लेकिन मेरे वापस आते ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने ट्वीट करके शांति की कामना की और मुझे वहां मिले प्यार का जिक्र किया। मैं चाहता हूं कि वहां पर सरकार बदली है और इमरान खान शांति के पक्षधर हैं तो उन्हें एक मौका मिलना चाहिए। हम पहले ही दिन पाकिस्तान के प्रति पुरानी धारणा के आधार पर किसी को लेकर अपनी राय  नहीं बना सकते। यदि नॉर्थ कोरिया और साऊथ कोरिया एक हो सकते हैं तो हमें भी ऐसा ही प्रयास करना चाहिए। 

प्र. : पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह मोहम्मद कुरैशी के परमाणु बम की धौंस वाले बयान को आप कैसे देखते हैं?
उ.
: पाकिस्तान में सुप्रीम बोस इमरान खान हैं और यदि वह भारत के साथ शांति की बात कर रहे हैं तो कुरैशी का बयान मायने नहीं  रखता। इमरान खान किसी भी मंत्री अथवा अफसर की राय से जुदा राय रख कर फैसला कर सकते हैं।PunjabKesari

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