Edited By Sonia Goswami,Updated: 24 Apr, 2018 11:23 AM
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह द्वारा कैबिनेट में की गई वृद्धि कारण उनके अपने हलके पटियाला में बड़ी बगावत देखने को मिली।
पटियालाः मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह द्वारा कैबिनेट में की गई वृद्धि कारण उनके अपने हलके पटियाला में बड़ी बगावत देखने को मिली। कैबिनेट में बी. सी. भाईचारे का एक भी मंत्री नहीं लिया गया है जिस कारन सीएम तथा महारानी परनीत कौर के बी. सी. कैटागरी से संबंधित 2 विधायक पूरी तरह नाराज हो चुके हैं। वह किसी भी समय बड़ा धमाका कर सकते हैं, जो पंजाब कांग्रेस के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। पंजाब में बी. सी. कैटागरी की आबादी 23 प्रतिशत से अधिक है। एक दर्जन के करीब विधायक इस श्रेणी से संबंधित होने के बावजूद कैप्टन ने एक भी बी. सी. विधायक को अपनी कैबिनेट में लेना उपयुक्त नहीं समझा जिस कारण पूरा भाईचारा कांग्रेस से नाराज हो चुका है जिसका खामियाजा कांग्रेस को लोकसभा चुनाव 2019 में भुगतना पड़ सकता है। मुख्यमंत्री के इस फैसले से अकाली दल पूरी तरह खुश है।
अकाली दल प्रधान प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने अगले हफ्ते अकाली दल के बी. सी.विंग के प्रमुख अधिकारियों की मीटिंग बुलाई है जिससे कांग्रेस द्वारा पैदा हुई नाराजगी का पूरी तरह लाभ लिया जा सके। मुख्यमंत्री के हलके में ही 3 विधायक बी. सी. कैटागरी में आते हैं। इनमें से पंजाब कांग्रेस के जनरल सचिव और हलका घनौर से विधायक मदन लाल जलालपुर पंजाब में 36,000 से अधिक वोटों की लीड के साथ तीसरे नंबर हैं और देहाती हलकों में पहले नंबर पर हैं।
उनके समधी हलका राजपुरा के विधायक और जिला पटियाला कांग्रेस के 20 सालों से प्रधान हरदयाल सिंह कम्बोज 35,000 वोटों की लीड के साथ तीसरी बार जीते हैं। इस वक्त दोनों विधायक कैप्टन अमरेंद्र सिंह की तरफ से कैबिनेट मंत्री न बनाने के कारण पूरी तरह खफा हैं। दोनों विधायकों की नाराजगी कारण महारानी प्रनीत कौर के लिए लोकसभा चुनाव में खतरे की घंटी है। दोनों विधायकों की तरफ से अपनी -अपने सीनियर नेताओं और समर्थकों के साथ मीटिंगें भी की गई और नई जुगतबंदी बनाई गई।