Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Sep, 2017 05:34 PM
केन्द्रीय चुनाव आयोग द्वारा गुरदासपुर लोकसभा सीट के उपचुनाव का ऐलान 15 सितम्बर से पूर्व किया जा सकता है। अभी यह तय नहीं हो सका है कि
जालंधर (धवन): केन्द्रीय चुनाव आयोग द्वारा गुरदासपुर लोकसभा सीट के उपचुनाव का ऐलान 15 सितम्बर से पूर्व किया जा सकता है। अभी यह तय नहीं हो सका है कि गुरदासपुर लोकसभा सीट का उपचुनाव गुजरात तथा हिमाचल प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों के साथ करवाया जाएगा या उससे पहले।
27 अप्रैल को हुआ था विनोद खन्ना का देहांत
गुरदासपुर से भाजपा सांसद विनोद खन्ना का देहांत 27 अप्रैल को हुआ था, इस हिसाब से गुरदासपुर की खाली हुई सीट पर नए प्रतिनिधि का चयन 27 अक्तूबर से पहले किया जाना है। बताया जाता है कि गुजरात तथा हिमाचल प्रदेश में रा'य विधानसभा के चुनाव नवम्बर महीने में संभवित हैं। इसलिए गुरदासपुर सीट का उपचुनाव चुनाव आयोग द्वारा उससे पहले ही अक्तूबर के शुरू में करवाया जा सकता है। दीवाली भी इस बार जल्द आ रही है। इसलिए संभवत: अक्तूबर के पहले या दूसरे सप्ताह में उपचुनाव करवा लिया जाए। अभी तक रा'य में किसी भी पार्टी ने अपने उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया है परन्तु मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर गुरदासपुर में पड़ते 9 विधानसभा हलकों के लिए रियायतों का पिटारा खोल कर चुनावी बिगुल बजा दिया था। आम आदमी पार्टी ने भी अपना उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतारने का निर्णय है। भाजपा ने भी अपना उम्मीदवार चुनावी में उतारना है।
मैदान में उतरेंगे सियासी दलों के छोटे से बड़े नेता
वैसे तो सुरक्षा एजैंसियों ने पहले ही सुरक्षा प्रबंधों को लेकर अपनी गतिविधियां शुरू कर दी हैं तथा राज्य पुलिस ने अद्र्धसैनिक बलों की लगभग 50 कम्पनियां पंजाब को देने की गुहार केन्द्रीय गृह मंत्रालय से लगा दी है। चूंकि गुरदासपुर सीट का उपचुनाव सत्ताधारी कांग्रेस के साथ साथ समूचे विपक्ष के लिए भी प्रतिष्ठा का प्रश्र बना रहेगा। इसलिए सुरक्षा के हिसाब से राज्य पुलिस केन्द्रीय अद्र्धसैनिक बलों को चुनाव में उतारना चाहती है ताकि किसी प्रकार की हिंसा न हो सके। गुरदासपुर में इसलिए भी सुरक्षा का घेरा मजबूत रखा जाएगा क्योंकि सभी सियासी दलों के छोटे से बड़े नेता चुनावी प्रचार के लिए मैदान में उतरे हुए दिखाई देंगे। अभी फिलहाल सभी सियासी नेताओं की नजरें गुरदासपुर उपचुनाव की तारीख को लेकर केन्द्रीय चुनाव आयोग पर टिकी हुई हैं। अलग अलग पार्टियों के नेता अलग अलग कयास लगाने में लगे हुए हैं।