Edited By Tania pathak,Updated: 04 May, 2021 12:16 PM
एक तरफ जहां राज्य सरकार कोरोना संकट को खत्म करने के लिए रोजाना कई बंदिशें लगा रही है, वहीं कुछ ऐसे लोग भी हैं जो कोरोना के सुपर स्प्रैडर बने हुए हैं।
लुधियाना (सुरिन्द्र): एक तरफ जहां राज्य सरकार कोरोना संकट को खत्म करने के लिए रोजाना कई बंदिशें लगा रही है, वहीं कुछ ऐसे लोग भी हैं जो कोरोना के सुपर स्प्रैडर बने हुए हैं। ऐसे ही एक मामले में ट्रैफिक पुलिस के जोन इंचार्ज सब-इंस्पैक्टर वरिन्द्रपाल ने एक यू.पी. नंबर की एक स्लीपर बस को जब्त किया जिसमें 167 सवारियां सवार थीं व बस के कागजात भी पूरे नहीं थे।
गौरतलब है कि राज्य सरकार पहले ही बसों में सिर्फ आधी सवारियां बैठाने का आदेश दे चुकी है जिसके तहत सिर्फ 38 से 40 सवारियां ही बैठाई जा सकती हैं। बस को बिहार में जाना था, जिसमें बस स्टैंड पुल के नीचे से एक निजी ऑप्रेटर द्वारा सवारियों को भरा गया था और प्रति सवारी 2000 से 2500 रुपए की टिकट बेची गई थी। सवारियों को लेकर बस स्टैंड रोड पर पहुंची बस को मौके पर ड्यूटी दे रहे सब-इंस्पैक्टर वरिन्द्रपाल ने रुकने का इशारा किया।
जांच के दौरान चालक कोई भी कागजात पेश नहीं कर पाया। पुलिस अधिकारियों की हैरानी की उस समय सीमा नहीं रही जब उसमें से सवारियों को बाहर निकाला गया तो 167 लोग निकले जिनमें से किसी ने भी मास्क नहीं पहना हुआ था।
बस को जब्त कर पुलिस चौकी कोचर मार्कीट के हवाले कर दिया गया। बस का बिना आर.सी., बिना ड्राइविंग लाइसैंस, बिना रूट परमिट, बिना इंश्योरैंस, बिना पॉल्यूशन सर्टीफिकेट और क्षमता से अधिक सवारियां बिठाने के जुर्म में चालान कर अदालत में भेजा गया है। हालांकि कुछ सवारियों ने बस को वहां से ले जाने का विरोध भी किया लेकिन बस कंपनी के एक कारिन्दे ने आकर उनकी राशि वापस दिलवाने का भरोसा दिया तो प्रवासी मजदूर शांत हुए।
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