Edited By swetha,Updated: 02 Feb, 2019 01:07 PM
केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए अंतरिम बजट को लेकर पंजाब के किसान खासे बिफरे हुए हैं। किसानों ने इस बजट को उनके साथ किया गया भद्दा मजाक करार दिया है। किसानों ने बजट को लेकर तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की है। किसानों का कहना है कि उनको 6 हजार रुपए की राशि...
गुरदासपुर(हरमनप्रीत): केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए अंतरिम बजट को लेकर पंजाब के किसान खासे बिफरे हुए हैं। किसानों ने इस बजट को उनके साथ किया गया भद्दा मजाक करार दिया है। किसानों ने बजट को लेकर तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की है। किसानों का कहना है कि उनको 6 हजार रुपए की राशि जारी करने का प्रावधान उनके साथ भद्दा मजाक है। उन्हें जो मोदी सरकार से उम्मीदें थीं उन पर वह खरी नहीं उतरी है। पंजाब के किसान कर्ज में डूबे हुए हैं और मोदी सरकार को मजाक सूझ रहा है।
भले ही सरकार ने किसानों के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना आरंभ कर छोटे व सीमांत किसानों को प्रत्येक वर्ष उनके खातों के माध्यम से 6 हजार रुपए देने की घोषणा की है, मगर किसानों ने इस घोषणा को नाममात्र बताते हुए इस सरकार को यह सवाल किया है कि अपने अंतिम बजट में किसानों को लुभाने हेतु ऐसी घोषणा करने से पहले यह सरकार यह भी स्पष्ट करे कि चुनाव मैनीफैस्टो में स्वामीनाथन की रिपोर्ट को लागू करने का किया वायदा कहां गया?
गौरतलब है कि 2014 के लोकसभा चुनावों से पहले नरेन्द्र मोदी समेत राजग के अन्य नेताओं ने प्रत्येक मंच से यही घोषणा की थी कि सरकार बनने के बाद देश में किसानों के लिए स्वामीनाथन की रिपोर्ट को लागू किया जाएगा, मगर सरकार बनने के कुछ समय के बाद ही इस सरकार ने इस रिपोर्ट को लागू करने की बजाए सुप्रीम कोर्ट में यह हल्फिया बयान दे दिया था कि इस रिपोर्ट को लागू किया ही नहीं जा सकता। उस समय देश के करोड़ो किसानों की आशाओं पर पानी फेरने वाली इस सरकार ने अब कुछ समय पहले कुछ प्रमुख फसलों को समर्थन मूल्य के घेरे में लाकर उनके मूल्य भी बढ़ाए हैं, मगर किसान मामलों के विशेषज्ञ इस बात से बेहद निराश हैं कि मोदी सरकार ने स्वामीनाथन की किसी सिफारिश को लागू नहीं किया।