Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Feb, 2018 07:15 AM
षि, खेल व पर्यटन क्षेत्र में आस्ट्रेलिया से आधुनिक तकनीक का सहयोग हासिल करने संबंधी आस्ट्रेलियन हाई कमिश्नर हरिन्द्र सिद्धू के साथ स्थानीय सर्किट हाऊस पहुंचे स्थानीय निकाय मंत्री पंजाब नवजोत सिंह सिद्धू से अभी भी फ्लॉप चल रहे बी.आर.टी.एस. प्रोजैक्ट...
अमृतसर (महेन्द्र): कृषि, खेल व पर्यटन क्षेत्र में आस्ट्रेलिया से आधुनिक तकनीक का सहयोग हासिल करने संबंधी आस्ट्रेलियन हाई कमिश्नर हरिन्द्र सिद्धू के साथ स्थानीय सर्किट हाऊस पहुंचे स्थानीय निकाय मंत्री पंजाब नवजोत सिंह सिद्धू से अभी भी फ्लॉप चल रहे बी.आर.टी.एस. प्रोजैक्ट तथा इसकी कंडम हो रही बसों के सवाल पर उन्होंने बी.आर.टी.एस. प्रोजैक्ट की प्रिमैच्योर्ड चाइल्ड से तुलना की। उन्होंने कहा कि अकाली-भाजपा गठबंधन की पूर्व सरकार ने बिना कोई ठोस योजना तैयार किए जल्दबाजी में इस प्रोजैक्ट को शुरू कर दिया था।
यह प्रोजैक्ट पूर्व सरकार के कार्यकाल के दौरान ही फ्लॉप हो चुका था, इस लिए यह प्रोजैक्ट एक तरह से प्रिमैच्योर्ड बच्चे की तरह ऐसे वैंटीलेटर पर चल रहा है, जिसे बचाने का प्रयास किया जाता है। सिद्धू ने कहा कि वह खुद भी कई बार देख चुके हैं कि बी.आर.टी.एस. बसों में 2-4 सवारियां ही दिखाई देती हैं। उसका कारण यह भी है कि बसों का गैप घंटों में है। ऐसे में लोगों को बस का 1-1 घंटा इंतजार करना पड़ता है। बावजूद इसके कैप्टन सरकार इस प्रोजैक्ट को बचाने का प्रयास कर रही है। जब उन्हें इस प्रोजैक्ट को देहाती इलाकों में ले जाने की बात कही गई, तो उनका कहना था कि बसों के फर्श का लैवल अन्य बसों की तुलना में कुछ नीचा होने के कारण इस प्रोजैक्ट का देहाती इलाकों में सफल होना मुश्किल है।
सुखबीर बादल को फिर दी खुली चुनौती
सत्ता परिवर्तन होने के पश्चात जहां सिद्धू पूर्व डिप्टी सी.एम. सुखबीर बादल को चुनावों से पहले से ही सुक्खा गप्पी कहते चले आ रहे हैं, वहीं सुखबीर बादल भी सिद्धू को गप्पी मंत्री कहने के साथ-साथ खोखली हवाइयां छोडऩे के आरोप लगा रहे हैं। सुखबीर बादल द्वारा सिद्धू पर बार-बार किए जा रहे कटाक्ष को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में सिद्धू ने कहा कि वह सुक्खा गप्पी को पहले भी कई बार खुली चुनौती दे चुके हैं और आज भी उन्हें खुली चुनौती देते हैं कि वह कहीं भी किसी भी मंच पर किसी भी मुद्दे पर उनके साथ बहस कर लें।
उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार ने जिस तरह से सरकारी खजाने को नुक्सान पहुंचाया और पंजाब की जो आर्थिक स्थिति कमजोर की है, कैप्टन सरकार फिलहाल सरकारी खजाने की स्थिति को मजबूत बनाने में लगी हुई है ताकि जल्द से जल्द पंजाब की जनता को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने के साथ-साथ सारे पंजाब में बड़े पैमाने पर विकास किया जा सके।