Edited By Vatika,Updated: 22 Dec, 2018 08:22 AM
लोकसभा में शुक्रवार को मांग उठी कि अगले साल जलियांवाला बाग कांड के 1000 वर्ष पूरे होने के मौके पर केंद्र को ब्रिटेन की सरकार पर इस नृशंस नरसंहार के लिए माफी मांगने का दबाव बनाना चाहिए। शून्यकाल में इस विषय को उठाते हुए शिरोमणि अकाली दल के प्रेम सिंह...
नई दिल्ली: लोकसभा में शुक्रवार को मांग उठी कि अगले साल जलियांवाला बाग कांड के 1000 वर्ष पूरे होने के मौके पर केंद्र को ब्रिटेन की सरकार पर इस नृशंस नरसंहार के लिए माफी मांगने का दबाव बनाना चाहिए। शून्यकाल में इस विषय को उठाते हुए शिरोमणि अकाली दल के प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा कि अगले वर्ष जलियांवाला नरसंहार के 100 वर्ष पूरे हो रहे हैं।
इस मौके पर भारत सरकार को ब्रिटिश सरकार पर दबाव डालना चाहिए कि वह इस जघन्य कांड के लिए भारत से माफी मांगे। गौरतलब है कि अंग्रेज जनरल रेगिनाल्ड डायर की अगुवाई में 13 अप्रैल, 1919 को ब्रिटिश सेना ने अमृतसर के जलियांवाला बाग में महिलाओं, बच्चों और वृद्धों सहित सैंकड़ों निर्दोष भारतीयों पर अंधाधुंध गोलियां बरसाई थीं।
शून्यकाल में ही भाजपा के प्रह्लाद जोशी ने कर्नाटक के हसन क्षेत्र में पुलिस की छापेमारी में 52 बंधुआ मजदूरों को बंधक बनाकर रखे जाने का खुलासा होने का जिक्र करते हुए कहा कि इन मजदूरों में 16 महिलाएं भी थीं और इन सभी को अमानवीय तरीके से रखा गया था। वहीं चंदूमाजरा ने गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब के कॉरीडोर को लेकर कैप्टन अमरेंद्र सिंह और गुरपंत सिंह पन्नू को बयानबाजी से गुरेज करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि यह एक धार्मिक मामला है और इसके साथ हजारों संगत की भावनाएं जुड़ी हुई हैं।