Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Jul, 2017 11:57 AM
डी.ए.सी. में बने बूथों में अपना कारोबार करने वाले लगभग 219 बूथ होल्डर जिसमें वसीका नवीस, टाइपिस्ट, फोटोस्टैट मशीन, कम्प्यूटर टाइपिंग,
जालंधर (अमित): डी.ए.सी. में बने बूथों में अपना कारोबार करने वाले लगभग 219 बूथ होल्डर जिसमें वसीका नवीस, टाइपिस्ट, फोटोस्टैट मशीन, कम्प्यूटर टाइपिंग, एस.टी.डी.-पी.सी.ओ., अष्टामफरोश आदि शामिल हैं, की माया कितनी अजब-गजब है इसका अंदाजा लगाना बेहद मुश्किल है, क्योंकि डी.ए.सी. में लगभग 34 बूथ ऐसे हैं जिनमें से 14 बूथों के अलाटियों का निधन हो चुका है, 15 बूथ प्रशासन की तरफ से रद्द किए जा चुके हैं, 4 बूथ किसी कारणवण खाली पड़े हुए हैं और एक बूथ का कोर्ट केस चल रहा है।मगर इस पूरे मामले में सबसे अधिक हैरान करने वाली बात जो सामने आती है, वह यह कि इन सभी 34 बूथों पर निरंतर कारोबार जारी है और किसी भी अधिकारी को इसकी कानों-कान खबर तक नहीं है। इतना ही नहीं कुछ बूथ होल्डरों के बूथ प्रशासन द्वारा रद्द किए जाने के बाद भी वह किसी न किसी जुगाड़ के दम पर अपना कारोबार चला रहे हैं। कुछ बूथ होल्डर इतने शातिर हैं कि उन्होंने अपने बूथ के साथ वाले खाली पड़े बूथ को अपने बूथ के साथ मिला लिया है और एक बूथ के किराए में दो बूथ चलाकर प्रशासन को धोखा देने का काम कर रहे हैं। कुछ बूथ वालों द्वारा अपने बूथों पर अवैध टेबल लगाकर गैर-कानूनी ढंग से किराया वसूलने का काम भी जारी है।
लाखों रुपए किराया पड़ा बकाया
इनकी तरफ जिला प्रशासन का लाखों रुपया बकाया है और उक्त सारे बूथ-होल्डर प्रशासन के डिफाल्टर बन चुके हैं। इस किराए की वसूली को लेकर डी.सी. के आदेशानुसार सहायक कमिश्नर (जनरल) अंकुर महेन्द्रू की तरफ से तहसीलदार-1 को एक पत्र जारी किया गया था जिसमें साफ किया गया था कि उक्त बूथ होल्डरों को अपना-अपना बकाया किराया जमा करवाने संबंधी प्रशासन की तरफ से कई बार नोटिस जारी किए जा चुके हैं मगर उनकी तरफ से आज तक किराया जमा नहीं करवाया गया। इसलिए तहसीलदार तुरंत इस बात को सुनिश्चित करें कि उक्त सारे बूथ होल्डरों की तरफ से अपना-अपना बकाया जिला नाकिार के पास अपने एक तस्दीकशुदा आई.डी. प्रूफ के साथ जमा करवाया जाए और अगर कोई बूथ होल्डर किराया जमा नहीं करवाता है तो उसके बूथ की अलाटमैंट रद्द करने की कार्रवाई आरंभ की जाए, मगर तहसीलदार दफ्तर की तरफ से इस तरफ कोई खास ध्यान नहीं दिया गया, जिस कारण बूथ होल्डरों की तरफ लाखों रुपए का किराया बकाया पड़ा हुआ है।
कई बूथ हो रखे हैं सबलैट, अलाटी वसूल रहे हैं अवैध किराया
तहसील सूत्रों की मानें तो मौजूदा समय डी.ए.सी. में बने बूथों में से कई बूथ आगे किसी अन्य को सबलैट हो रखे हैं और जिन व्यक्तियों को प्रशासन की तरफ से बूथ अलाट किए गए थे वह हजारों रुपए प्रति महीना अवैध किराए की वसूली कर रहे हैं। इस बात की पुष्टि भी सहायक कमिश्नर द्वारा लिखे गए पत्र से हो जाती है क्योंकि पत्र में इस बात का उल्लेख भी किया गया है कि कर्मचारियों द्वारा उक्त बूथों पर कई बार जाने के बावजूद उक्त लोग अपने-अपने बूथों पर मिलते ही नहीं हैं।
जिस काम के लिए किया गया बूथ अलाट, उसकी जगह हो रहे अन्य काम
तहसील में बहुत से बूथ ऐसे हैं जिन्हें अलाट तो किसी काम के लिए किया गया था, मगर मौजूदा समय उस बूथ पर काम कोई अन्य किया जा रहा है। नियमानुसार किसी भी बूथ पर केवल वही काम किया जा सकता है जिसके लिए उक्त बूथ को अलाट किया गया था। इसके साथ ही अगर किसी कारणवश बूथ अलाटी ने कोई अन्य काम करना है तो उसे पहले प्रशासन से लिखित इजाजत लेनी अनिवार्य है।