चंडीगढ़ से पंजाब में हो रही ‘ब्लैक गोल्ड’ की तस्करी पर गर्माई सियासत

Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Jan, 2018 11:39 AM

black gold smuggling of politics

पंजाबभर के अधिकतर पैट्रोल पम्पों पर चंडीगढ़ द्वारा होने वाली पैट्रोलियम पदार्थों ‘ब्लैक गोल्ड’ की तस्करी के मामले को लेकर राज्य की सियासत पूरी तरह से गर्माई हुई है। तस्करी को लेकर जहां अकाली नेता सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस की कार्यशैली पर सवालिया...

लुधियाना (खुराना): पंजाबभर के अधिकतर पैट्रोल पम्पों पर चंडीगढ़ द्वारा होने वाली पैट्रोलियम पदार्थों ‘ब्लैक गोल्ड’ की तस्करी के मामले को लेकर राज्य की सियासत पूरी तरह से गर्माई हुई है। तस्करी को लेकर जहां अकाली नेता सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगा रहे हैं वहीं कांग्रेसी नेता भी यह कहते हुए बचने की कोशिशों में लगे हैं कि पंजाब में पैट्रोलियम पदार्थों की तस्करी का यह मुद्दा अकाली-भाजपा सरकार की ही देन है। उक्त घटनाक्रम को लेकर पंजाबियों को चंडीगढ़ के मुकाबले पैट्रोल की कीमत पर 8 रुपए प्रति लीटर व डीजल पर करीब 2.5 रुपए अधिक व्यय करने पड़ रहे हैं।

कैसे चलता है गोरखधंधा: पैट्रोलियम पदार्थों की तस्करी का गोरखधंधा पंजाबभर में सक्रिय तेल माफिया द्वारा कुछ पैट्रोल पम्प मालिकों व तेल कम्पनियों के अधिकारियों की कथित मिलीभगत से चल रहा है। पंजाब की सीमाओं में घुसते ही तस्करी होकर आने वाले तेल से भरे टैंकर ‘ब्लैक गोल्ड’ का रूप धारण कर जाते हैं। इस पर दलालों को लाखों रुपए की काली कमाई हो रही है। 

 

माफिया नहीं करता केंद्रीय गृहमंत्री की परवाह : कपूर 
पैट्रोलियम कारोबारी कपूर की मानें तो राज्य में पैट्रोलियम पदार्थों की तस्करी में लगा माफिया पावरफुल है, जो केंद्रीय गृहमंत्री के आदेशों की परवाह तक नहीं करता है। उन्होंने बताया कि इस मामले संबंधी उन्होंने गृहमंत्री राजनाथ सिंह को अवगत करवाया है, जिस पर गृहमंत्री ने पैट्रोलियम सैक्रेटरी से उन्हें मिलने की बात कही। कपूर के मुताबिक सैक्रेटरी ने उक्त मामले के समाधान के लिए कपूर से मिलना तक मुनासिब नहीं समझा। 

एक टैंकर पर 1 लाख रुपए तक की कमाई
पैट्रोलियम कारोबार से जुड़े रूलिया राम-अमर चंद पैट्रोल पम्प मालिक विक्रम दत्त कपूर ने कई अहम खुलासे किए हैं। उन्होंने बताया कि रा’यभर के कई इलाकों में हो रही पैट्रोलियम पदार्थों की तस्करी में 12 किलो लीटर अर्थात 12 हजार लीटर पैट्रोल से भरे एक टैंक के पास होने से करीब 1 लाख रुपए की काली कमाई होती है, जो तेल कम्पनियों के अधिकारियों सहित पम्प मालिक, बॉर्डर सिक्योरिटी टीम व अन्य मिल-बांट कर खा जाते हैं। इस मुद्दे संबंधी रा’य के पूर्व सी.एम. प्रकाश सिंह बादल, सी.एम. कैप्टन अमरेंद्र सिंह तक को जानकारी दी गई है लेकिन तस्करी का यह काला धंधा बदस्तूर जारी है। 
-विक्रम दत्त कपूर, पैट्रोलियम कारोबारी। 

आपसी मिलीभगत से नहीं फेरा जा सकता मुंह : प्रधान
लुधियाना पैट्रोलियम डीलर्स एसो. के प्रधान रणजीत सिंह गांधी ने कहा कि पंजाबभर में अधिकतर पैट्रोल पम्प आटोमेशन तकनीक से लैस हैं। इसलिए चंडीगढ़ से तस्करी होकर आने वाले तेल की बिक्री नोजल से नहीं की जा सकती है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सरहदी इलाकों के जो पैट्रोल पम्प अभी आटोमेशन से नहीं जुड़े हैं वहां पर हो सकता है कि पैट्रोल की बिक्री हो रही हो। तस्करी मामले में कुछ तेल कम्पनी अधिकारियों, पम्प मालिकों व माफिया की मिलीभगत से मुंह नहीं फेरा जा सकता, क्योंकि अगर डिपो से तेल की गाड़ी भरी चंडीगढ़ के लिए जाती है तो वह पंजाब में कैसे पहुंच जाती है, यह बड़ा मुद्दा है। 
-रणजीत सिंह गांधी, प्रधान एल.पी.डी. एसो.।

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