शिक्षकों की चूक पर CBSE पहली बार कर रहा बड़ी कार्रवाई

Edited By Anjna,Updated: 01 Jul, 2018 08:29 AM

big action by the cbse for the first time on teachers lapses

पहले 12वीं इकोनोमिक्स का पेपर लीक होने के मामले में देश भर में अपनी फजीहत करवा चुके देश के सबसे बड़े बोर्ड सी.बी.एस.ई. का इस वर्ष विवाद पीछा छोडऩे का नाम नहीं ले रहे हैं। अब मामला विद्यार्थियों के मूल्यांकन से जुड़ा है।

लुधियाना (विक्की): पहले 12वीं इकोनोमिक्स का पेपर लीक होने के मामले में देश भर में अपनी फजीहत करवा चुके देश के सबसे बड़े बोर्ड सी.बी.एस.ई. का इस वर्ष विवाद पीछा छोडऩे का नाम नहीं ले रहे हैं। अब मामला विद्यार्थियों के मूल्यांकन से जुड़ा है। परिणाम घोषित करने की जल्दबाजी में बोर्ड की ओर से देश के विभिन्न मूल्यांकन केंद्रों पर नियुक्त किए गए कई शिक्षकों ने  लापरवाही बरतते हुए स्टूडैंट्स द्वारा प्राप्त अंकों की टोटलिंग करने में ही गलतियां कर दी जिसकी वजह से आंसर शीट्स में छात्रों को कम अंक मिले हैं। कई तो ऐसे शिक्षक हैं जिन्होंने बिना जांचे ही आंसर छोड़ दिए। इसी वजह से जब परिणाम घोषित होने के बाद विद्यार्थियों ने उम्मीद मुताबिक अपने अंक विषयों में कम पाए तो वे हक्के-बक्के रह गए। कई स्टूडैंट्स के दोबारा अंक चैक करने के अनुरोध पर अंकों की पुन: टोटलिंग की गई तो शिक्षकों की ओर से मूल्यांकन में की गई लापरवाहियों से पर्दा उठ गया। ऐसे कई मामले सामने आए जब विद्यार्थियों के अंक पहले के मुकाबले कई गुणा बढ़ गए।

दिल्ली के एक छात्र को उर्दू में फेल किया गया था लेकिन पुन:मूल्यांकन में वह पास हो गया। वहीं इंगलिश की एक छात्रा के अंक 16 से सीधे 5 गुणा बढ़कर 80 तक पहुंच गए। यहां बता दें कि बोर्ड ने पुन:मूल्यांकन की प्रक्रिया को दोबारा शुरू किया है। पुन:मूल्यांकन में अंक बढऩे का मामला जब बोर्ड के शीर्ष अधिकारियों तक पहुंचा तो सी.बी.एस.ई. ने अब देश भर के विभिन्न स्कूलों में नियुक्त 130 अध्यापकों पर कार्रवाई करने का फैसला किया है।

बोर्ड ने विद्यार्थियों के भविष्य को लेकर ऐसी लापरवाही बरतने वाले 130 शिक्षकों व कोआर्डीनेटरों पर कार्रवाई के लिए उनके स्कूलों को लिखते हुए रिपोर्ट भी मांगी है। यही नहीं बोर्ड ने अपने रिजनल अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि उक्त शिक्षकों पर निलंबन की कार्रवाई करवाकर उसकी रिपोर्ट तुरंत भेजी जाए। ऐसा पहली बार हो रहा है कि सी.बी.एस.ई. जब इस तरह की गलती करने वाले शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कदम उठा रही है। अभी कापियों के दोबारा रिटोटलिंग की प्रक्रिया जारी है जिसमें लापरवाही सामने आने पर और भी अध्यापकों पर इस तरह की कार्रवाई होनी स्वाभाविक है। 

पटना के 45 तो देहरादून के 27 अध्यापक 
सबसे अधिक लापरवाही बिहार के पटना रीजन के अध्यापकों ने की है। इस रीजन के 45 अध्यापकों को लापरवाही के लिए जिम्मेदार पाया गया है। इसके बाद दूसरे स्थान पर देहरादून के 27 अध्यापक हैं। इलाहाबाद और राजधानी दिल्ली के बाद अजमेर रीजन में भी अधिक मामले सामने आए हैं जिसमें मूल्यांकन करने वाले अध्यापकों की चूक के कारण बच्चों का करियर एक बार तो दाव पर लग गया था। सबसे हैरानीजनक बात तो यह है कि इस बार किसी तरह की गलती न रहे इसके लिए बोर्ड ने आंसरशीट्स के मूल्यांकन होने पर उसके अंकों की टोटलिंग के लिए 2 अध्यापक लगाए थे लेकिन फिर भी इस तरह की लापरवाही सामने आना सवाल खड़े कर रहा है। 

पुन:मूल्यांकन में ऐसे बढ़े विद्याॢथयों के अंक 
देश के विभिन्न स्टूडैंट्स की मीडिया में आई खबरों से पता चला है कि 12वीं के एक छात्र के भूगोल में 44 अंक ही आए लेकिन अन्य विषयों में उसके अंक 90 प्रतिशत के करीब थे। अपने भूगोल के अंकों को देखकर वह हैरान हुआ और उसने पुन:मूल्यांकन के लिए अप्लाई किया। दोबारा जांच में पता चला कि उसके 51 अंक नहीं जोड़े गए। इन 51 अंकों को जोडऩे के बाद उसके अंक 95 हो गए। वहीं एक छात्र क्रिश को साइंस में सिर्फ 12 अंक मिले लेकिन दोबारा जांच में यह 59 तक पहुंच गए। कमिस्ट्री के छात्र के 44 अंक पुन:मूल्यांकन के बाद 95 तक पहुंच गए। 

अध्यापकों की क्वालीफिकेशन भी होगी चैक
स्टूडैंट्स के अंक जोडऩे में लापरवाही बरतने वाले अध्यापकों व उनके स्कूलों को भी सी.बी.एस.ई. की कई जांच प्रक्रियाओं से निकलना होगा। पहले चरण में अध्यापकों को निलंबित करने के निर्देश देने के अलावा बोर्ड अब स्कूलों से उक्त अध्यापकों की क्वालीफिकेशन डिटेल भी मांगने जा रहा है। क्योंकि बोर्ड ने आंसरशीट्स चैक करने के लिए भेजे जाने वाले अध्यापकों की योग्यता भी स्कूलों को बतार्ई थी। बोर्ड अब उस लिस्ट के साथ निर्देशों पर हुए अमल की जांच करेगा। अगर किसी भी स्कूल ने कम योग्यता वाले अध्यापक से ईवैल्यूएशन करवाई है तो उस स्कूल को भी शोकाज नोटिस जारी किया जाएगा। 

मूल्यांकन में शिक्षक न भेजने वाले स्कूल भी नपेंगे
सी.बी.एस.ई. से जुड़े अधिकारी ने बताया कि मूल्यांकन में पूरी पारदर्शिता के साथ काम किया गया है लेकिन अब उन स्कूलों की पहचान की जा रही है जिन्होंने बार-बार मांगने पर भी मूल्यांकन केंद्रों पर अपने एक्सपर्ट टीचर नहीं भेजे। ऐसे स्कूलों की लिस्ट मूल्यांकन केंद्रों से मंगवाई गई है। जिन अध्यापकों ने भी मूल्यांकन में गलतियां व गड़बडिय़ां की हैं उन पर कार्रवाई होनी तय है। 

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