Edited By swetha,Updated: 07 Jul, 2019 12:07 PM
पंजाब सरकार के मानिंग विभाग द्वारा रेत की खदानों की ई-नीलामी के दौरान 600 करोड़ रुपए की बोली लगाने वाले बोलीदाता द्वारा जमा करवाई गई धरोहर राशि को लेकर सरकार सोमवार को फैसला ले सकती है।
जालंधर (स.ह.): पंजाब सरकार के मानिंग विभाग द्वारा रेत की खदानों की ई-नीलामी के दौरान 600 करोड़ रुपए की बोली लगाने वाले बोलीदाता द्वारा जमा करवाई गई धरोहर राशि को लेकर सरकार सोमवार को फैसला ले सकती है। दरअसल इस बोलीदाता द्वारा बोली के बाद सरकार को लिखे गए एक पत्र में साफ किया गया है कि उसके द्वारा दी गई बोली के दौरान हुई क्लैरीकल मिस्टेक के चलते बोली की रकम 60 करोड़ की जगह 600 करोड़ रुपए भरी गई थी। इस बोली को रद्द किए जाने को लेकर भी विभाग द्वारा सोमवार को ही फैसला लिया जा सकता है।नियमों के मुताबिक यदि सबसे ऊंची बोली लगाने वाला बोलीदाता तय समय के दौरान सरकार को सुरक्षा राशि जमा करवाने में असफल रहता है तो उसके द्वारा बोली के लिए जमा करवाई गई धरोहर राशि जब्त कर ली जाती है। पठानकोट के ब्लाक 6 के मामले में यह धरोहर राशि 15 करोड़ रुपए है।
सरकारी सूत्रों के मुताबिक इस मामले में सोमवार को माइनिंग विभाग के उच्चाधिकारियों की एक बैठक रखी गई है। इस बैठक के दौरान ही स्टैंडर्ड आप्रेटिंग प्रोसीजर (एस.ओ.पी.) के मुताबिक बोली को रद्द किया जा सकता है लेकिन धरोहर राशि को लेकर अधिकारी फिलहाल दुविधा में हैं और इस पर फैसला सोमवार को ही लिया जाएगा। काबिलेगौर है कि इस ई-बोली के दौरान कुल 7 कलस्टरों में से 3 कलस्टरों की ही बोली लगाई गई थी और सरकार इन 3 कलस्टरों के 7 ब्लाकों में से 350 करोड़ रुपए का राजस्व मिलने की उम्मीद कर रही थी लेकिन सरकार को फिलहाल 200 करोड़ रुपए का राजस्व हासिल हुआ है। ब्लाक-2 (नवांशहर, जालंधर, लुधियाना, बरनाला, संगरूर, मानसा) के लिए रिजर्व प्राइज 58.52 करोड़ रुपए था जबकि यह 60 करोड़ रुपए में बिका है।
इसी तरह ब्लाक-3 कलस्टर (मोगा, फिरोजपुर, फाजिल्का, बठिंडा, फरीदकोट) 40 करोड़ रुपए की रिजर्व कीमत के मुकाबले 40.5 करोड़ रुपए में बिका। सूत्रों के मुताबिक इन दोनों ब्लाकों के लिए बोलीदाताओं ने पूलिंग की इसी कारण सरकार को कम राजस्व प्राप्त हुआ क्योंकि इन दोनों ब्लाकों के लिए महज 2 बोलीदाता ही मैदान में थे। ब्लाक-5 के लिए सिर्फ एक बोलीदाता ने बोली लगाई और नियमों के मुताबिक एक बोलीदाता होने के कारण बोलीदाता को खदान नहीं दी जा सकती जबकि ब्लाक-6 को लेकर फैसला अभी लंबित है। ब्लाक-6 के लिए 5 बोलीदाता थे जबकि ब्लाक-1, 3 और 7 में किसी बोलीदाता ने रुचि नहीं दिखाई।