Edited By Suraj Thakur,Updated: 21 Jan, 2019 06:19 PM
साल 2016 में आम आदमी पार्टी से निलंबित सांसद हरिंदर सिंह खालसा ने भगवंत मान पर संसद में शराब पीकर आने का आरोप लगाया था।
जालंधर। (सूरज ठाकुर) सांसद भगवंत मान द्वारा बरनाला में आम आदमी पार्टी की रैली में दारू न पीने की सौगंध सूबे की जनता जर्नादन के गले कितनी उतरी इस बारे में कहना मुश्किल है, लेकिन इस दौरान मंच पर बैठे AAP के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल तो उनकी खाई सौगंध को हज्म ही कर गए। यही नहीं बात हज्म होने के बाद पेट में टिक नहीं पाई, भगवंत मान की पीठ थपथपाते हुए मंच से अपने भाषण में उन्होंने कहा कि मान ने उनका दिल जीत लिया। बस उनका अभी इतना ही कहना था कि सोशल मीडिया पर AAP की लोगों ने परिहास कर धज्जियां उड़ाने शुरू कर दी।
आम आदमी पार्टी छोड़ चुके कपिल ने ट्वीटर पर लिखा ''भगवंत मान दारू नहीं पीएगा ये घोषणा पत्र में लिखा जाएगा''। सचिन सिंगला ने ट्वीटर पर लिखा, ''मोदी जी जब इतिहास लिखवाएंगे तो दो ही तरह की कुर्बानियां याद आएंगी, पहली मोदी जी ने देशहित में चाय की टपरी छोड़ी और दूसरी भगवंत मान ने दी।'' बरनाला में हुई रैली के बाद पंजाब में उनके राजनीतिक विरोधियों ने भी भगवंत मान और केजरीवाल के भाषण और मान के दारू न पीने की सौगंध को लेकर तीखे हमले किए। विरोधियों ने क्या कहा इससे पहले पढ़ें भगवंत मान और केजरीवाल ने मंच से क्या कहा था...
भगवंत मान: ''मैं मानता हूं कि मैं कभी-कभी शराब पीता हूं। लेकिन मेरे विरोधियों ने इसके चलते मेरी छवि बहुत ज्यादा खराब कर दी है। आज मेरी मां भी यहां आई है। मां ने कहा कि लोग टीवी पर मेरे बारे में बोलकर मुझे बेइज्जत करते हैं। उन्होंने मुझसे कहा कि मैं शराब छोड़ दूं तो लोग मुझे बेइज्जत नहीं कर पाएंगे।''
केजरीवाल: ''दोस्तों, भगवंत मान ने मेरा दिल जीत लिया है। और सिर्फ मेरा ही नहीं उन्होंने पूरे पंजाब का दिल जीत लिया है। एक नेता को ऐसा ही होना चाहिए जो अपनी जनता के लिए किसी भी तरह की कुर्बानी दे सके। इस तरह की शपथ लेना कोई आसान काम नहीं है। उन्होंने कहा कि 1 जनवरी से उन्होंने शराब को हाथ भी नहीं लगाया है। यह बहुत बड़ी बात है।''
विरोधियों ने कहा...
आम आदमी पार्टी रैली के बाद सबसे पहले केजरीवाल और भगवंत मान के खिलाफ आम आदमी पार्टी छोड़ चुके सुखपाल खैहरा ने मोर्चा खोला। जहां पर उन्होंने केजरीवाल की मानसिकता पर प्रश्नचिन्ह लगाए वहीं दूसरी और उन्होंने कहा कि अब यह बात साबित हो चुकी है कि भगवंत मान शराब पीकर संसद में जाते थे। उन्होंने कहा कि जब उनपर बरगाड़ी में शराब पीकर शोकसभा में आने के आरोप लगे थे वह भी सच थे। प्रोफाइल..
संसद में शराब पीने का लग चुका है आरोप...
गौरतलब है कि साल 2016 में आम आदमी पार्टी से निलंबित सांसद हरिंदर सिंह खालसा ने भगवंत मान पर संसद में शराब पीकर आने का आरोप लगाया था। जिसे विरोधी अब कह रहे हैं कि यह सच था। सांसद खालसा ने स्पीकर सुमित्रा महाजन से उनकी सीट भगवंत मान से अलग करने की गुजारिश की थी। उन्होंने अपनी शिकायत में कहा था कि भगवंत मान से शराब की गंध आती है।
भगवंत का जन्म 17 अक्टूबर 1972 में हुआ था। उनके पिता के नाम मोहिंदर सिंह था, जो एक टीचर थे, कुछ साल पहले की उनकी मौत हो गई थी। मान की पत्नी इंद्रप्रीत सिंह भी उनके साथ समाज सेवा के कामों में भाग लेती हैं। उनके दो बच्चे हैं जिसमे एक लड़की और एक लड़का शामिल है।
राजनीतिक सफर....
मान ने अपना राजनीतिक पारी की शुरुआत 2011 में पीपुल्स पार्टी ऑफ पंजाब से मनप्रीत सिंह बादल के नेतृत्व में किया था। 2012 में उन्होंने लेहरा एसेंबली सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन हार का सामना करना पड़ा था। 2014 में उन्होंने पीपुल्स पार्टी ऑफ पंजाब का साथ छोड़कर केजरीवाल की पार्टी आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया था। आप ने उन्हें 2014 के लोकसभा चुनाव में संगरूर से टिकट दिया था। चुनाव में उन्होंने शिअद के सुखदेव सिंह ढिंडसा को हराया था। भगत सिंह की पगड़ी पहन कर संसद में आए हैं और भगत सिंह के सपनों को साकार करने के लिए काम करेंगे।