Edited By Vatika,Updated: 23 Nov, 2019 12:14 PM
प्रदूषित हवा और पानी समेत पराली के धुएं के मुद्दे संसद में उठाते हुए सांसद भगवंत मान ने पंजाब के लिए धान की बजाए बराबर आमदनी और यकीनी मंडीकरण वाली फसलों का विकल्प मांगा है।
चंडीगढ़ (रमनजीत): प्रदूषित हवा और पानी समेत पराली के धुएं के मुद्दे संसद में उठाते हुए सांसद भगवंत मान ने पंजाब के लिए धान की बजाए बराबर आमदनी और यकीनी मंडीकरण वाली फसलों का विकल्प मांगा है। पराली के धुएं के कारण पैदा प्रदूषण को बेहद गंभीर मुद्दा बताते हुए भगवंत ने किसानों की बजाए सरकारों (राज्य व केंद्र) को जिम्मेदार ठहराया।
उन्होंने केंद्र सरकार से पूछा, ‘हमारे से पराली वाली फसलों की बिजवाई ही क्यों करवाते हो? धान की बजाए मक्का, सूरजमुखी, बाजरा और दालें पैदा कर सकते हैं, क्योंकि पंजाब की जमीन बहुत ही उपजाऊ है परंतु किसान बेचेगा कहां? इन फसलों की धान जितनी आमदन और यकीनी मंडीकरण (मार्कीटिंग) की व्यवस्था ही नहीं है।’ मान ने मांग की कि वैकल्पिक फसलों की प्रति एकड़ के हिसाब से धान के बराबर आमदनी और मंडीकरण यकीनी बना दिया जाए, पंजाब का किसान धान की फसल ही नहीं बीजेगा। उन्होंने कहा कि किसान खुद भी पराली नहीं जलाना चाहता, क्योंकि उसके धुएं की चपेट में सबसे पहले अपने बच्चे आते हैं।
मान ने कहा कि पंजाब का किसान कोई गैर-कानूनी फसल नहीं बीज रहा। बल्कि वह अपनी जमीन और धरती के निचले पानी को बर्बाद कर रहा है, ऊपर से अब पराली के कारण पर्चे (एफ.आई.आर.) भी अपने ऊपर करवा रहा है। उन्होंने मांग की है कि किसान को ‘अपराधी अन्नदाता’ न समझा जाए। उन्होंने कहा कि पंजाब के भू-जल का स्तर 600 फुट तक गहरा चला गया है। भगवंत ने दरियाई पानी के प्रदूषण और लगातार काटे जा रहे वृक्षों का मुद्दा भी उठाया।