Edited By swetha,Updated: 09 Jul, 2019 06:36 PM
मोदी सरकार द्वारा कृषि को प्रोत्साहित करने और किसानों की आमदन को अगले तीन वर्ष तक दोगुना करने की लक्ष्य प्राप्ति हेतु सिफारिशों के लिए गठित राष्ट्रीय समिति में कृषि प्रधान राज्य पंजाब को प्रतिनिधित्व नहीं देने पर आम आदमी पार्टी ने कड़ी प्रतिक्रिया...
चंडीगढ़ (रमनजीत): मोदी सरकार द्वारा कृषि को प्रोत्साहित करने और किसानों की आमदन को अगले तीन वर्ष तक दोगुना करने की लक्ष्य प्राप्ति हेतु सिफारिशों के लिए गठित राष्ट्रीय समिति में कृषि प्रधान राज्य पंजाब को प्रतिनिधित्व नहीं देने पर आम आदमी पार्टी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। आप के पंजाब प्रधान भगवंत मान ने कहा कि मोदी सरकार के फैसले ने कृषि और पानी के गंभीर संकट का सामना कर रहे पंजाब को न सिर्फ ऐसी महत्वपूर्ण समिति में नजरअंदाज किया बल्कि 60 साल से पूरे देश का पेट भर रहे पंजाब के ‘अन्नदाता’ की तौहीन की है।
कृषि प्रधान राज्य का हक बहाल करने की मांग
यहां जारी बयान में मान ने मांग की कि केंद्र सरकार फैसले पर फिर विचार कर समिति में पंजाब को तुरंत शामिल कर कृषि प्रधान राज्य का हक बहाल करे। मान ने मुद्दे पर बठिंडा से सांसद व केंद्रीय फूड प्रोसैसिंग मंत्री हरसिमरत कौर बादल को घेरते हुए कहा कि मोदी सरकार जब ऐसे अहम मुद्दों पर फैसला लेते समय पंजाब को अनदेखा करती है तो हरसिमरत कहां होती है? क्या बादलों ने सिर्फ सत्ता का आनंद लेने के लिए ही मंत्री बनाया है? क्या बठिंडा और पंजाब के हितों की रक्षा करना हरसिमरत की मुख्य जिम्मेदारी नहीं है?
पंजाब के लोकसभा व राज्यसभा सांसदों को एकजुट होने का किया आह्वान
मान ने पार्टी स्तर से ऊपर उठकर पंजाब के लोकसभा व राज्यसभा सांसदों को मुद्दे पर एकजुट होने का आह्वान किया, ताकि मोदी सरकार पर दबाव डाल कर पंजाब को राष्ट्रीय समिति का मैंबर बनवाया जा सके। मान ने मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह को मामले में बिना देरी दखलअंदाजी करने की मांग की है। उन्होंने केंद्र सरकार को चेतावनी दी कि पंजाब को समिति में शामिल न किया तो संसद के सदन से पूरे देश को बताएंगे कि केंद्र सरकार ने कैसे पंजाब का इस्तेमाल कर फैंक दिया है जिसने पूरे देश का पेट भरते-भरते जवानी, किसानी, मिट्टी, पानी और समूची आबो-हवा बर्बाद कर ली।