Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Jun, 2017 09:24 AM
महानगर के प्रमुख धार्मिक स्थलों व चौराहों पर दूधमुंहे बच्चों को गोद में उठाकर भीख मांगने वाली महिलाओं की बच्चों के साथ रिलेशनशिप जानने
लुधियाना (खुराना): महानगर के प्रमुख धार्मिक स्थलों व चौराहों पर दूधमुंहे बच्चों को गोद में उठाकर भीख मांगने वाली महिलाओं की बच्चों के साथ रिलेशनशिप जानने संबंधी बच्चों व महिलाओं का डी.एन.ए. टैस्ट करवाने की पहल पंजाब चाइल्ड राइट्स कमीशन ने शुरू कर दी है, ताकि इस रहस्य से पर्दा उठाया जा सके कि भीख मांगने वाली महिला की गोद में मासूम बच्चा उसी का है या फिर मानव तस्करी का शिकार।
इस संबंध में बकायदा पंजाब चाइल्ड राइट्स कमीशन के चेयरमैन सुकेश कालिया ने जिलाधीश प्रदीप अग्रवाल व पुलिस कमिश्नर आर.एन. ढोके से विशेष बैठक के दौरान बातचीत की है। इसका जिक्र करते हुए कालिया ने आशंका जताई कि आने वाले दिनों में देशभर से बच्चे चोरी होने के कई अनसुलझे मामले भी ट्रेस हो सकेंगे। सड़कों पर भीख मांगने वाली 90 फीसदी महिलाओं की गोद में उठाए हुए बच्चे हमेशा गहरी नींद में सोए रहते हैं और बच्चों के नयन-नक्श भी उन महिलाओं से काफी अलग होते हैं। चर्चा है कि भीख मांगने वाली महिलाओं द्वारा बच्चों को सुबह-शाम कोई कथित नशीला पदार्थ दिया जा रहा है, ताकि बच्चा बेसुध पड़ा रहे और वे हाथों में दूध की खाली बोतल पकड़े बच्चे के भूखे होने का इमोशनल ड्रामा कर लोगों से भीख मांग सकें।