Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Sep, 2017 11:13 AM
शहर को भिखारियों से मुक्त करने और मासूम बच्चों से भीख मंगवाने वालों के खिलाफ पर्चे दर्ज किए जाएंगे। यह फैसला विशेष तौर पर गठित कमेटी की मीटिंग में लिया गया।
जालंधर(अमित): शहर को भिखारियों से मुक्त करने और मासूम बच्चों से भीख मंगवाने वालों के खिलाफ पर्चे दर्ज किए जाएंगे। यह फैसला विशेष तौर पर गठित कमेटी की मीटिंग में लिया गया। ए.डी.सी. (जनरल) जसबीर सिंह की अध्यक्षता में आयोजित इस मीटिंग में डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम अफसर अमरजीत सिंह भुल्लर, चाइल्ड प्रोटैक्शन अफसर गुरप्रीत सिंह, डी.सी.पी. राजेंद्र सिंह आदि उपस्थित थे। डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विस अथारिटी से गुरमीत सिंह टिवाना विशेष तौर पर मीटिंग में उपस्थित हुए।
ए.डी.सी. ने कहा कि कानूनन पुलिस के पास इस अपराध को रोकने के लिए सारे अधिकार मौजूद हैं। जो भी बच्चों व अन्य से भीख मंगवाता है उसे 5 साल तक की सजा का प्रावधान है और अगर कोई किसी का अंग काटकर भीख मंगवाता है तो उसे 10 साल तक की सजा का प्रावधान है। मीटिंग के दौरान डी.सी.पी. राजेंद्र सिंह को कहा गया कि वह इसकी जांच करके दोषियों के खिलाफ पर्चे दर्ज करें। ए.डी.सी. ने कहा कि भीख मांगने को लेकर प्रशासन का रुख सख्त है और इसकी समाप्ति के लिए नैशनल चाइल्ड राइट कमीशन के निर्देश पर एक 7 मैंबरी कमेटी का गठन किया गया है जिसकी अध्यक्षता डी.सी. वरिंद्र कुमार शर्मा करेंगे। डी.सी. कमेटी के चेयरमैन होंगे, इसके अलावा डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस, डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम अफसर, सिविल सर्जन, जिला शिक्षा अधिकारी व 2 स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल किए गए हैं।
जिला बाल सुरक्षा अधिकारी बतौर मैंबर सैक्रेटरी काम करेंगे। कमेटी की पहली बैठक में ए.डी.सी. ने बताया कि गठित की गई कमेटी 2 तरह से कार्रवाई करेगी जिसमें जिन बच्चों या बड़े लोगों से भीख मंगवाई जाती है उनकी शिनाख्त की जाएगी और उनके पुनर्वास के प्रयास होंगे।ए.डी.सी. ने कहा कि भीख मांगने के लिए दूसरे राज्यों से भी बच्चे तस्करी करके लाए जाते हैं। ज्यादातर बच्चे दूर-दराज के इलाकों से यहां लाए जाते हैं। वहां उनके परिजनों को अच्छा काम दिलाने का झांसा देकर या फिर उनका अपहरण करके इन बच्चों को लाया जाता है व यहां उनसे भीख मंगवाई जाती है। कमेटी ऐसे बच्चों की शिनाख्त करके उनके मां-बाप को ढूंढने का काम भी करेगी। ए.डी.सी. ने कहा कि कमेटी द्वारा न केवल बच्चों को छुड़वाकर उनके परिजनों को सौंपा जाएगा बल्कि इसके साथ ही उन्हें पढ़ाई करवाना और स्किल डिवैलपमैंट की ट्रेनिंग देने का भी प्रावधान रखा गया है ताकि वह कोई कामकाज सीखकर अपने पैरों पर खड़ा हो सकें। ए.डी.सी. ने डी.सी.पी. को कहा कि कुछ लोगों द्वारा गैंग बनाकर भीख मंगवाने का धंधा चलाया जा रहा है जिसमें कुछ लोगों व बच्चों का अपहरण करके उनके हाथ-पांव तक काट दिए जाते हैं और बाद में उनसे भीख मंगवाई जाती है। ऐसे लोगों से निपटने के लिए स्पैशल टास्क फोर्स बनेगी। आरोपियों के खिलाफ आई.पी.सी. जुवेनाइल जस्टिस एक्ट और प्रिवैंशन ऑफ बैरिंग एक्ट के तहत कार्रवाई होगी।