Edited By swetha,Updated: 20 Apr, 2019 10:32 AM
लोकसभा चुनाव में पंजाब की हॉट सीट बठिंडा को लेकर इस बार राज्य की दोनों प्रमुख पार्टियों शिरोमणि अकाली दल और कांग्रेस में उम्मीदवार का चयन एक बड़ी पहेली बन चुका है।
चंडीगढ़(गुरउपदेश भुल्लर):लोकसभा चुनाव में पंजाब की हॉट सीट बठिंडा को लेकर इस बार राज्य की दोनों प्रमुख पार्टियों शिरोमणि अकाली दल और कांग्रेस में उम्मीदवार का चयन एक बड़ी पहेली बन चुका है। दोनों ही पार्टियां राज्य की 13 लोकसभा सीटों में से केवल बठिंडा और फिरोजपुर पर अभी तक उम्मीदवार का फैसला नहीं ले सकी हैं। बठिंडा हलके का प्रत्याशी तय न होने के कारण ही फिरोजपुर के उम्मीदवार का ऐलान नहीं हो पा रहा है।
अधिकांश बार अकालियों का रहा है कब्जा
बठिंडा हलके पर वर्ष 1957 से 2014 तक 9 बार शिरोमणि अकाली दल का कब्जा रहा है। गत दो चुनावों 2009 और 2014 से बादल परिवार का इस पर कब्जा है। अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल की पत्नी व पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की पुत्रवधू केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल इस सीट पर पिछले दो चुनाव जीती हैं। वर्ष 2009 का चुनाव तो हरसिमरत कौर बादल ने कांग्रेस प्रत्याशी कै. अमरेंद्र सिंह के पुत्र रणइंदर सिंह को एक लाख से अधिक वोटों के बड़े अंतर से हराकर जीता था।
बेअदबी मामलों के कारण अब समीकरण बदले
अब राजनीतिक स्थितियां बिल्कुल बदल चुकी हैं। बरगाड़ी बेअदबी और बहबलकलां गोलीकांड का गहरा प्रभाव है। इस मुद्दे की वजह से वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में शिअद विपक्ष का स्थान भी नहीं ले पाया। इन चुनावों में आम आदमी पार्टी के उभार के कारण अकाली दल तीसरे स्थान पर चला गया। उल्लेखनीय बात यह है कि ‘आप’ के विजयी विधायकों में ज्यादा 5 विधायक बठिंडा लोकसभा क्षेत्र की विधानसभा सीटों से ही जीते हैं। बदली हुई राजनीतिक परिस्थितियों और समीकरणों के मद्देनजर अकाली दल भी उम्मीदवार के बारे में फैसला नहीं ले पा रहा और उसकी नजर अभी कांग्रेस उम्मीदवार की घोषणा पर है।
मनप्रीत बादल ने पिछले चुनाव में हरसिमरत को दी कांटे की टक्कर
वर्ष 2014 के चुनाव में अकाली दल को छोड़कर कांग्रेस में गए बादल परिवार के ही सदस्य मनप्रीत बादल द्वारा मैदान में उतरने से मुकाबला दिलचस्प हुआ था। हरसिमरत को राज्य में अपनी सरकार और देश में मोदी लहर होने के बावजूद मुश्किल से कुछ हजार के अंतर से ही जीत मिली थी। इस चुनाव में हरसिमरत को 514727 व मनप्रीत को 495332 वोट मिले थे और हार का अंतर मात्र 19395 वोट का रह गया था।
मनप्रीत बादल की न से कांग्रेस के लिए हो रही मुश्किल
कांग्रेस को उम्मीदवार तय करने में इसलिए मुश्किल आ रही है, क्योंकि पिछली बार हरसिमरत को कांटे की टक्कर देने वाले राज्य के मौजूदा वित्त मंत्री मनप्रीत बादल लोकसभा चुनाव लड़ने से साफ मना कर रहे हैं। बेशक पार्टी हाईकमान अभी भी उन्हें मनाने में जुटा है, क्योंकि बादल परिवार से मुकाबला कोई आसान नहीं और बराबर की टक्कर देने के लिए दिग्गज उम्मीदवार जरूरी है। चंडीगढ़ से टिकट न मिलने से नाराज कैबिनेट मंत्री नवजोत सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू ने भी बठिंडा से चुनाव लडऩे से साफ इनकार कर दिया है। हालांकि टिकट के दावेदारों में पूर्व विधायक अजीत इंद्र सिंह मोफर, कैबिनेट मंत्री ब्रह्म मोहिंद्रा के बेटे मोहित मोहिंद्रा, गुरमीत खुड्डियां व कुछ अन्य स्थानीय नेता भी शामिल हैं।
विजय इंद्र सिंगला व राजा वडिंग के नाम पर भी मंथन
बठिंडा लोकसभा क्षेत्र में शहरी वोटर बड़ी संख्या में होने के कारण कैबिनेट मंत्री विजय इंद्र सिंगला को कांग्रेस उम्मीदवार बनाने पर चर्चा चल रही है। अगर कोई बात न बनी तो पार्टी हाईकमान गिद्दड़बाहा से विधायक व पंजाब युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राजा वडिंग को भी मैदान में उतार सकती है।
हालांकि ‘आप’ से बागी होकर पंजाब एकता पार्टी बनाने के लिए पंजाब डैमोक्रेटिक अलायंस के गठन के बाद तेजतर्रार नेता सुखपाल खैहरा पहले ही मैदान में उतरे हुए हैं और आम आदमी पार्टी द्वारा तलवंडी साबो से विधायक प्रो. बलजिंद्र कौर को प्रत्याशी बनाया गया है। अकाली दल (अमृतसर) ने भी गुरसेवक सिंह जवाहरके को अपना उम्मीदवार बनाया है परंतु लोगों की नजरें अकाली दल व कांग्रेस के उम्मीदवारों पर ही टिकी हुई हैं। इसके बाद इस हॉट सीट पर होने वाले दिलचस्प मुकाबले की तस्वीर कुछ हद तक स्पष्ट हो सकेगी।
वर्ष 2014 में बठिंडा लोकसभा सीट के चुनाव की स्थिति
प्रत्याशी |
पार्टी |
वोट |
हरसिमरत बादल |
शिअद |
514727 |
मनप्रीत बादल |
कांग्रेस |
495332 |
जस्सी जसराज |
आप |
87901 |
कुलदीप सिंह |
बसपा |
13732 |
भगवंत समाओं |
भाकपा (माले) लिब्रेशन |
5984 |
राजिंद्र सिंह |
शिअद(अ) |
1960 |
शमिंद्र सिंह |
जे. एंड के. नैशनल पैंथर पार्टी |
4610 |
गीता रानी |
अखिल भारतीय शिवसेना राष्ट्रवादी |
4380 |
मक्खन लाल |
बसपा (अम्बेदकर) |
2587 |
गुरदीप सिंह |
इंडियन क्रांतिकारी लहर |
1404 |
गुरमीत रंघरेटा |
पंजाब लेबर पार्टी |
1386 |
जगदीश शर्मा |
नवभारत डैमोक्रेटिक पार्टी |
1248 |
सुरेश गोयल |
जनरल समाज पार्टी |
944 |
वर्ष 1957 से 2009 तक बठिंडा लोकसभा सीट के परिणाम
वर्ष |
विजेता |
पार्टी |
1957 |
हुकुम सिंह |
कांग्रेस |
1957 |
अजीत सिंह |
कांग्रेस |
1962 |
धन्ना सिंह गुलशन |
अकाली दल |
1967 |
के. सिंह |
अकाली दल (एस.) |
1971 |
भान सिंह भौरा |
सी.पी.आई. |
1977 |
धन्ना सिंह गुलशन |
शिअद |
1980 |
हाकम सिंह |
कांग्रेस |
1985 |
तेजा सिंह दर्दी |
शिअद |
1989 |
सुच्चा सिंह |
शिअद (एम.) |
1992 |
केवल सिंह |
कांग्रेस |
1996 |
हरिंद्र सिंह खालसा |
शिअद |
1998 |
चतिन सिंह समाओं |
शिअद |
1999 |
भान सिंह भौरा |
सी.पी.आई |
2004 |
परमजीत कौर गुलशन |
शिअद |
2009 |
हरसिमरत कौर बादल |
शिअद |