कर्फ्यू के बीच अमृतसर में पहुंच रहा करोड़ों का प्रतिबंधित तंबाकू

Edited By Vatika,Updated: 06 May, 2020 09:34 AM

banned tobacco worth crores reaching amritsar in curfew

लॉकडाऊन-कर्फ्यू के बीच केंद्र और पंजाब सरकार द्वारा प्रतिबंधित किया गया। खतरनाक तंबाकू बराबर नशेड़ियों को मिल रहा है। यह तंबाकू थोक की मंडियों से होता हुआ

अमृतसर(इन्द्रजीत): लॉकडाऊन-कर्फ्यू के बीच केंद्र और पंजाब सरकार द्वारा प्रतिबंधित किया गया। खतरनाक तंबाकू बराबर नशेड़ियों को मिल रहा है। यह तंबाकू थोक की मंडियों से होता हुआ परचून के गली मोहल्ले तक इतनी तेजी से फैलता है कि इनका नेटवर्कदेखकर आम आदमी दातों के तले ऊंगलियां दबाने पर मजबूर हो जाता है। बड़ी बात है कि आम तंबाकू भी सेहत के लिए खतरनाक है, लेकिन जिस तंबाकू को सरकार ने प्रतिबंधित किया हुआ है कोविड-19 में भी ज्यादा खतरनाक है इसकी पुष्टि स्वास्थ्य विभाग में भी की है।
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जानकारी के मुताबिक अमृतसर के रेलवे लाइनों के फाटक के निकट एक गिरोह है, जो बेहद खतरनाक किसम के तंबाकू को धड़ल्ले से भेज जा रहा है। कर्फ्यू के दिनों में इस खतरनाक तंबाकू की डिमांड और भी बढ़ गई है। पता चला है कि यह दिल्ली से अमृतसर एक ही रात में पहुंच जाता है। इस गिरोह का चैनल नेटवर्क इतना बड़ा है कि माल के पहुंचते ही दर्जनों गाडिय़ां इन्हें परचून के अड्डों तक पहुंचा देती है। यहां तक कि ग्रामीण इलाके जहां पर घोड़ागाडिय़ां तक नहीं पहुंच पाती वहां पर भी यह माल कर्फ्यू के बावजूद चंद घंटों में पहुंच जाता है।महीने में 600 बोरा बिकता है गैर-कानूनी खतरनाक तंबाकू : शहर में इस प्रतिबंधित तंबाकू को यह गिरोह 600 बोरे से अधिक प्रति महीने दिल्ली व इसके निकटवर्ती इलाकों से लाता है।

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इसमें एक बोरे की खरीद की कीमत 60 हजार रुपया तक होती है और 3 से 4 करोड़ की कीमत का गैर-कानूनी माल प्रति महीने आता है, लेकिन बड़ी बात है कि यह स्वास्थ्य के लिए अति घातक है और सरकार ने इसे बेचने पर कड़ी सजाएं रखी हुई है। यह गिरोह पिछले 5 साल से अमृतसर में अपने पैर जमा चुका है। इस गैर-कानूनी और प्रतिबंधित तंबाकू पर आमदन बेहिसाब है और इसमें एक्साइज एंड टैक्सेशन विभाग को छोड़कर दूसरे कई विभाग अपने हाथ रंगते हैं। पहले यह माल रेलवे के माध्यम से आता था, लेकिन 5 वर्षों से अब इस माल को लाने के लिए ट्रांसपोर्टर प्रति नग 3 हजार रुपए के करीब 2 नंबर में वसूल करता है, जो आम किराए की बजाए 20 गुणा अधिक है। नशा करने वाले लोगों की माने तो इस तंबाकू के सेवन से जो लत इसके खपतकारों को लग जाती है इसलिए इसे छोडऩा मुश्किल हो जाता है।

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बिकने वाले तंबाकू से करोड़ों की हो रही जी.एस.टी. की चोरी !
तंबाकू के खेल की दूसरी कड़ी में गैर-प्रतिबंधित तंबाकू की है, यह बिक तो सकता है और इस पर 28 प्रतिशत की जी.एस.टी. सरकार लेती है। इसका एक हजार बोरा प्रति महीने अमृतसर में आता है और खप्त हो जाता है। इस पर लगभग 50-55 लाख रुपए से अधिक प्रति महीना जी.एस.टी. बनता है, जिसकी टैक्स की देनदारी में बहुुत बड़ा घपला है और यह ग्रुप 10 वर्षों से अधिक काम कर रहा है। इस माल बेचने वाले ग्रुप को एक ट्रांसपोर्टर माल की पहुंच देता है और आम की अपेक्षा इस तंबाकू पर 5 से 6 गुणा अधिक किराया लगता है, हालांकि इस गैर-प्रतिबंधित (बिकने के योग्य) तंबाकू बेचने वाले शहर में एक दर्जन के करीब लोग और भी है, जो पक्के बिल के साथ काम करके सरकार को टैक्स भी देते हैं, लेकिन यह गिरोह उनके लिए भी खतरा बना हुआ है। दूसरी ओर टैक्स चोरी करने वाला इस ग्रुप को अब माफिया किस्म के लोग डील कर रहे हैं। इस पर टैक्सेशन विभाग के साथ-साथ आयकर विभाग भी कार्रवाई कर सकता है।


कोविड-19 के लिए भी है यह खतरनाक
इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग की निर्देशक डा. प्रभदीप कौर जौहल का कहना है कि सरकार द्वारा प्रतिबंधित तंबाकू चबाने से अधिक बार थूकना पड़ता है, यह आदमी की सेहत के लिए हानिकारक है और यह कोविड-19 के लिए भी खतरनाक हो सकता है, इसलिए ऐसी चीजों पर तुरंत रोक लगाने की आवश्यकता है।

कई विभागों का है आशीर्वाद
प्रतिबंधित तंबाकू बेचने के लिए स्वास्थ्य विभाग पुलिस और नार्कोटिक सेल है, जो उस पर कार्रवाई कर सकते हैं, क्योंकि इस प्रकार के तंबाकू को टैक्स के दायरे में नहीं लाया जा सकता, क्योंकि इसकी बिक्री ही नहीं हो सकती, इसलिए इस माल को आने से रोकने के लिए सेल टैक्स विभाग की कोई भूमिका नहीं और न ही अधिकार। इस मामले में अन्य संबंधित विभाग इसके लिए कार्रवाई हेतु प्रशासन को सिफारिश कर सकते हैं और पुलिस इस पर अपराधिक मामला दर्ज कर सकती है, लेकिन यह भी पता चला है कि लंबे समय से चल रहे इस कारोबार पर कई विभागों के लोग भी महीना ले रहे हैं।

विजीलैंस विभाग कर सकता है कार्रवाई
गैर-प्रतिबंधित तंबाकू के मामले में सीधी कार्रवाई करने के लिए अधिकार-प्राप्त एक्साइज एंड टैक्सेशन विभाग लॉकडाऊन के चलते सक्रिय नहीं है, इसलिए इसके आवागमन पर टैक्स चोरी को रोकने के लिए और कोई विभाग एक्टिव नहीं है। कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि जिस चीज में सरकार के रेवेन्यू को खतरा पैदा हो जाए, उसके लिए विजीलैंस विभाग कार्रवाई करने के लिए अधिकृत है।

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