बाजवा पहले ISI पर ‘कंट्रोल’ करें, फिर हो भारत-पाक रिश्तों में स्थिरता की बात - कैप्टन

Edited By Tania pathak,Updated: 20 Mar, 2021 10:24 AM

bajwa first  control  the isi then talk of stability in indo pak relations

पाकिस्तान द्वारा मदद प्राप्त आतंकवाद को दोनों मुल्कों के रिश्तों के सामान्य होने में सबसे बड़ी रुकावट बताते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा को नसीहत दी...

चंडीगढ़ (अश्वनी): पाकिस्तान द्वारा मदद प्राप्त आतंकवाद को दोनों मुल्कों के रिश्तों के सामान्य होने में सबसे बड़ी रुकावट बताते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा को नसीहत दी कि वह भारत के साथ अमन के मुद्दे पर घुमावदार भाषण देने की बजाय पुख्ता कार्रवाई करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाजवा को पहले आई.एस.आई. को कंट्रोल करना चाहिए, उसके बाद ही भारत-पाक रिश्तों में स्थिरता बारे बात करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के प्रति नरम रुख भारत तब तक नहीं अपना सकता, जब तक पाकिस्तान अपने खोखले वादों की जगह पुख्ता अमलों के साथ अपनी संजीदगी साबित नहीं कर देता।

कैप्टन अमरेंद्र ने कहा कि सरहद पार से भारत में घुसपैठ अभी भी जारी है और सरहदों पर रोजाना भारतीय सैनिक मारे जा रहे हैं। पाकिस्तान से हर रोज ड्रोनों द्वारा पंजाब में हथियार और हैरोइन पहुंचाई जा रही है। राज्य में रोजाना गड़बडिय़ां पैदा करने की कोशिशें हो रही हैं। पहले यह सब कुछ रुकना चाहिए तो ही हम अमन के लिए बातचीत कर सकेंगे। मुख्यमंत्री ने 1964 में पश्चिमी कमान में जनरल अफसर कमांडिंग-इन-चीफ के ए.डी.सी. के तौर पर अपने निजी तजुर्बे का हवाला देते हुए कहा कि भारत का भरोसा जीतने के लिए पाकिस्तान को अमन की कोशिश की पेशकश के लिए बहुत कुछ करने की जरूरत है। उन्होंने कहा ‘‘तब हमें पश्चिमी सरहद से रोजाना गोलीबारी और गड़बड़ी की रिपोर्टें मिलती थीं, जैसे कि अब मिल रही हैं।’’

भारत ने कभी भी रुकावट पैदा नहीं की
कैप्टन अमरेंद्र ने कहा कि यह बात जरूरी है कि सिर्फ बाजवा नहीं, बल्कि समूची पाकिस्तानी सेना लीडरशिप भारत के साथ शान्ति का रास्ता अपनाए और अतीत की बातें भुलाने वाले विचार के पक्ष में आए। उन्होंने कहा कि भारत ने कभी भी दोनों मुल्कों के बीच अमन के रास्ते में रुकावट पैदा नहीं की, जबकि पाकिस्तान द्वारा ही रोड़े बिछाए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान के अमन प्रस्तावों पर भारत तब ही यकीन कर सकता है, जब इन सवालों का जवाब मिल जाए कि क्या वहां सभी जनरल बाजवा द्वारा प्रकट किए गए विचारों के साथ इत्तेफाक रखते हैं? क्या वह सभी आतंकवादी गु्रपों की हर प्रकार की मदद से तत्काल हाथ खींचते हैं? क्या वह आई.एस.आई. को भारत में सभी गतिविधियां बंद करने के लिए कह सकते हैं? अमन के लिए कोई शर्त न होने की बात कहते हुए उन्होंने कहा कि भारत हमेशा शान्ति का हिमायती रहा है और सभी भारतीय अमन चाहते हैं परन्तु भारत अपनी सुरक्षा और अखंडता के साथ कोई समझौता नहीं कर सकता। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में बने हालात और पाकिस्तान के चीन के साथ बढ़ते संबंध चिंता का विषय हैं। इससे अन्य सरहदों पर भी भारत के लिए खतरे पैदा हुए हैं। उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान वास्तव में भारत के साथ अमन के लिए गंभीर है तो उसे चीन को यह स्पष्ट संदेश देना पड़ेगा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एल.ए.सी.) पर किसी भी तरह की खतरनाक स्थिति के समय वह (पाकिस्तान) उसका साथ नहीं देगा।

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