Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Nov, 2017 08:57 AM
सुखपाल खैहरा द्वारा फाजिल्का अदालत के सम्मन को हाईकोर्ट में दी गई चुनौती के रद्द होने के मामले में नया मोड़ आ गया है।
चंडीगढ़ (शर्मा): सुखपाल खैहरा द्वारा फाजिल्का अदालत के सम्मन को हाईकोर्ट में दी गई चुनौती के रद्द होने के मामले में नया मोड़ आ गया है। आम आदमी पार्टी की सहयोगी लोक इंसाफ पार्टी के प्रधान सिमरजीत सिंह बैंस ने विधायक बंधू बलविंद्र बैंस के साथ सोमवार को एक पत्रकार वार्ता के दौरान ऑडियो सी.डी. जारी कर आरोप लगाया कि खैहरा की पटीशन हाईकोर्ट द्वारा रद्द करने के पीछे लाखों का खेल खेला गया।
बैंस ने मीडिया को ऑडियो सुनाते हुए आरोप लगाया कि इसमें बादल सरकार के समय एडिशनल डिप्टी एडवोकेट जनरल रहे अमित चौधरी व सेवा से बर्खास्त पी.सी.एस. अधिकारी टी.के. गोयल के बीच मामले को लेकर हुआ वार्तालाप रिकार्ड है। इस वार्तालाप से साफ है कि खैहरा की पटीशन रद्द करवाने के लिए 35 लाख रुपए की डील हुई। बैंस ने मांग की कि इस पूरे मामले की सी.बी.आई. से निष्पक्ष जांच करवानी चाहिए ताकि पैसे के लेन-देन के स्त्रोत का पता लग सके।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र, पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुखबीर बादल और राणा गुरजीत पर जताया शक बैंस ने शक जाहिर किया कि इस खेल के पीछे मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह, बिजली मंत्री राणा गुरजीत सिंह या फिर अकाली दल के अध्यक्ष व पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुखबीर बादल में से किसी एक का हाथ हो सकता है। इसलिए मामले की सी.बी.आई. से निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। बैंस ने कहा कि आम आदमी पार्टी व लोक इंसाफ पार्टी संयुक्त रूप से पंजाब के राज्यपाल व चंडीगढ़ के प्रशासक से मामले में चंडीगढ़ पुलिस द्वारा एफ.आई.आर. दर्ज करने व सी.बी.आई. से जांच की मांग करेंगी। उन्होंने कहा कि इसके अलावा मामले की संगीनता को देखते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस तथा सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस से उच्च स्तरीय जांच की मांग को लेकर उनसे भेंट के लिए समय लिया जा रहा है।
पंजाब के राज्यपाल के पास पहुंचा मामला
चंडीगढ़ (भुल्लर): इस बीच यह मामला अब पंजाब के राज्यपाल के पास भी पहुंच गया है। सोमवार देर शाम नेता विपक्ष खैहरा व सहयोगी दल लोक इंसाफ पार्टी के अध्यक्ष सिमरजीत सिंह बैंस के नेतृत्व में विधायकों का शिष्टमंडल राज्यपाल वी.पी. सिंह बदनौर को मिला। उन्होंने सी.बी.आई. जांच की मांग करते हुए राज्यपाल को कहा कि उनके पास वीडियो व अन्य ठोस सबूत भी हैं जो वे पेश कर सकते हैं।
खैहरा का मामला अदालत में, कोई टिप्पणी नहीं करूंगा : अमरेन्द्र
जालंधर (धवन): पंजाब के मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह ने आम आदमी पार्टी के विधायक व नेता प्रतिपक्ष सुखपाल सिंह खैहरा द्वारा जजों को कथित रूप से प्रलोभित करने के लगाए गए आरोपों के मामले में पडऩे से साफ इन्कार कर दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह इस मामले में पडऩा नहीं चाहते, क्योंकि खैहरा का मामला पहले ही अदालत के विचाराधीन है। उल्लेखनीय है कि खैहरा के ड्रग माफिया से संबंधों को लेकर प्रदेश की राजनीति काफी गर्माई हुई है।
न्याय प्रणाली पर मेरा विश्वास कायम, लेकिन जांच जरूरी: खैहरा
चंडीगढ़ (रमनजीत सिंह): नेता विपक्ष सुखपाल सिंह खैहरा ने भी ‘जज को रिश्वत’ संबंधी ऑडियो क्लिप के बारे में जांच की मांग की है। खैहरा ने कहा कि उनका देश की न्याय व्यवस्था पर पूरा विश्वास है और इस क्लिप के सामने आने के बाद भी उनका विश्वास कायम है, लेकिन मामला इतना गंभीर है कि इसकी जांच जरूरी है।
विधानसभा परिसर में पत्रकार वार्ता में खैहरा ने कहा कि बैंस बंधुओं द्वारा तथ्यों के खुलासे से बड़ी साजिश से पर्दा उठा है। विपक्ष के नेता को फंसाने के लिए इतनी बड़ी साजिश रची गई है तो आम आदमी का क्या हाल होता होगा। खैहरा ने कहा कि ऑडियो क्लिप में बातचीत कर रहे लोगों द्वारा मुझे फाजिल्का कोर्ट से हुए सम्मन के केस में जो बातें कही गई हैं और तकरीबन फैसला भी वैसा ही आया है तो यह बड़ा ही गंभीर मामला है। खैहरा ने कहा कि जांच के बाद ही पता चलेगा कि 35 लाख की बात किसके संबंध में हो रही है और उक्त पैसे का स्रोत क्या या कौन है। इससे सारा खुलासा हो पाएगा।