Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Jun, 2018 09:19 AM
वर्ष 2015 दौरान बरगाड़ी में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी और बहबल कलां में सिख प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग दौरान 2 सिख युवकों की मौत मामले में कार्रवाई की मांग को लेकर बरगाड़ी में जत्थेदार ध्यान सिंह मंड की अगुवाई में धरने पर बैठे सिख नेताओं को मनाकर...
चंडीगढ़ (भुल्लर): वर्ष 2015 दौरान बरगाड़ी में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी और बहबल कलां में सिख प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग दौरान 2 सिख युवकों की मौत मामले में कार्रवाई की मांग को लेकर बरगाड़ी में जत्थेदार ध्यान सिंह मंड की अगुवाई में धरने पर बैठे सिख नेताओं को मनाकर उठाने के लिए कैप्टन सरकार द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। वहीं बुधवार को जस्टिस रंजीत सिंह के समक्ष पेश होकर बहबल कलां गोलीकांड के कुछ चश्मदीद गवाहों ने बयान दर्ज करवाए।
सूत्रों अनुसार 14 जून को मुख्यमंत्री बरगाड़ी मामले में मिली सफलता का पूरा खुलासा कर सकते हैं। पता चला है कि आरोपियों को पकडऩे के बाद एक गांव के घर से अहम सुराग मिले हैं। बरगाड़ी में गुरु ग्रंथ साहिब के साथ चोरी धार्मिक पोथी भी बरामद हुई है परंतु पुलिस अभी गुरु ग्रंथ साहिब के स्वरूप बरामद करवाने के प्रयास में है।
इसी दौरान बरगाड़ी बेअदबी के बाद बहबल कलां गोलीकांड के चश्मदीद गवाहों ने जस्टिस रंजीत सिंह के समक्ष बयान दर्ज करवाए। इनमें अकाली दल अमृतसर के वरिष्ठ नेता जसकरण सिंह काहन सिंह वाला के अलावा कुछ और लोग शामिल हैं। आयोग के चेयरमैन को गोली चलाने वाले पुलिस अधिकारियों के बारे में जानकारी के अलावा घटनाक्रम दौरान लाठीचार्ज आदि के बारे में बताया। बरगाड़ी में कार्रवाई की मांग को लेकर धरने को समाप्त करवाने के प्रयासों के तहत दल खालसा के अध्यक्ष हरपाल सिंह चीमा और जसपाल सिंह मंझपुर से कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंद्र सिंह बाजवा और सुखजिंद्र सिंह रंधावा ने भी बैठकें कीं। बेशक बैठकों को पूरी तरह गुप्त रखा गया, परंतु बेअदबी व गोलीकांड के अलावा विचार-विमर्श दौरान जेलों में बंद सजा पूरी कर चुके सिखों की रिहाई के फार्मूलों पर भी बात हुई।