बादल और मजीठिया को प्री-एविडेंस के बिना नोटिस नहीं: हाईकोर्ट

Edited By Suraj Thakur,Updated: 11 Feb, 2019 05:04 PM

badal and majithia have no notice without pre evidence high court

बादल और मजीठिया पर बेअदबी के मामलों के लिए बने रंजीत सिंह कमीशन के खिलाफ अपशब्द बोलने का आरोप है।

चंडीगढ़। पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में सोमवार को रिटायर्ड जस्टिस रंजीत सिंह की याचिका पर सुनवाई हुई। जिसमें अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल और वरिष्ठ नेता बिक्रम मजीठिया पर बेअदबी के मामलों के लिए बने रंजीत सिंह कमीशन के खिलाफ अपशब्द बोलने का आरोप लगाया है। हाईकोर्ट ने मामले में कहा कि प्री-एविडेंस के बिना दूसरे पक्ष को नोटिस जारी नहीं किया जा सकता। मामले की अगली सुनवाई 13 फरवरी तय की गई है।PunjabKesari
ये है पूरा मामला...
जस्टिस (रिटायर्ड) रंजीत सिंह ने अकाली दल प्रमुख सुखबीर बादल और बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में क्रिमिनल कम्प्लेंट दाखिल कर रखी है। शिकायत में जस्टिस रंजीत सिंह ने सुखबीर बादल पर उनके और कमीशन के खिलाफ अपशब्द बोलने के आरोप लगाते हुए दोनों के खिलाफ कमीशन ऑफ इंक्वायरी एक्ट में कार्रवाई की मांग की है।  जस्टिस रंजीत ने कहा कि रंजीत कमीशन पर सुखबीर बादल ने शुरू से ही सवालिया निशान लगाते हुए कमीशन और जस्टिस रंजीत सिंह की आलोचना की थी। रिटायर्ड जस्टिस रंजीत ने हाईकोर्ट ने सैक्शन 10ए के तहत क्रिमिनल कम्प्लेंट दाखिल की है। इसमें अगर उनकी अपील स्वीकार हो जाती है तो प्रावधान के मुताबिक सुखबीर बादल और बिक्रम मजीठिया को 6 महीने तक जेल हो सकती है और फाइन भी किया जा सकता है।
 

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