30 वर्ष पुराने मामले में किसकी दिलचस्पी?

Edited By Sonia Goswami,Updated: 14 Apr, 2018 09:23 AM

backstabbed says sidhu after amarinder govt demands his conviction in sc

रोडरेज मामले में अदालत में पंजाब सरकार के स्टैंड के एक दिन बाद चंडीगढ़ में पत्रकारवार्ता के दौरान सिद्धू ने बिना किसी का नाम लिए अपनी तल्खी जाहिर की।

चंडीगढ़ (रमनजीत): रोडरेज मामले में अदालत में पंजाब सरकार के स्टैंड के एक दिन बाद चंडीगढ़ में पत्रकारवार्ता के दौरान सिद्धू ने बिना किसी का नाम लिए अपनी तल्खी जाहिर की। उन्होंने कहा कि इस मामले में सब कुछ ‘नंगा-चिट्टा’ स्पष्ट हो गया है और कुछ भी छिपा नहीं रहा है। इसी से राजनीतिक समझ रखने वाले लोगों को पता चल जाएगा कि 30 वर्ष पुराने मामले में अचानक किसकी दिलचस्पी जागी है। सिद्धू ने कहा कि मामला न्यायालय में है और इसलिए किसी को भी तत्काल किसी नतीजे तक नहीं पहुंचना चाहिए। न्याय प्रक्रिया का अपना एक तरीका है और सबको उसका इंतजार करना चाहिए। सिद्धू ने कहा कि ‘मैं कानून व न्याय के प्रति बहुत निष्ठावान व्यक्ति हूं और परमात्मा की कृपा से मेरे कंधे बहुत मजबूत हैं जिनकी वजह से मैं अपना पूरा बोझ उठाने में सक्षम हूं

 

। पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जो कहना था, जो करना था, वह कर दिया है। यह खुलेआम किया गया है और इसके लिए मुझे किसी पर भी उंगली नहीं उठानी है बल्कि मामला अदालत में है और वहीं पर अपना पक्ष मजबूती से रखना है। मुझे पूरा विश्वास है कि मुझे न्याय मिलेगा।’ सुप्रीम कोर्ट में उनसे संबंधित 1988 के एक रोडरेज केस में गुरुवार को ही पंजाब सरकार द्वारा सिद्धू के उस बयान को झूठा करार दिया गया था जिसमें उन्होंने कहा था कि रोडरेज के उक्त मामले में उन्हें फंसायागया है। 


सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए वकील ने यही कहा था कि 1988 के पटियाला के शेरांवाला गेट इलाके में हुई रोडरेज घटना जिसमें गुरनाम सिंह की बाद में मौत हो गई थी, के मामले में सिद्धू को जो सजा हुई है वह सही है। 

सिद्धू को मंत्रिमंडल से किया जाए बर्खास्त : शिअद
 स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू पर शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने तीखा हमला बोला है। चंडीगढ़ स्थित पार्टी हैडक्वार्टर में बातचीत करते हुए शिअद नेताओं ने पंजाब सरकार से सिद्धू को तत्काल मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की है। शिअद नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि जब पंजाब सरकार खुद अदालत में सिद्धू की सजा को सही ठहरा रही है तो उन्हें बर्खास्त करने से भी अब सरकार को गुरेज नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सिद्धू का मंत्रिमंडल में रहना न केवल नैतिक तौर पर गलत है बल्कि यह संविधान का मजाक उड़ाने जैसा है।
 

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