Edited By swetha,Updated: 24 Sep, 2019 11:31 AM
पंजाब में दोबारा आतंकवाद के पैर पसारने को लेकर जिले के लोगों में डर का माहौल है। आतंकवाद के काले दिनों में की शुरुआत भी तरनतारन से हुई थी,
तरनतारन (रमन) : पंजाब में दोबारा आतंकवाद के पैर पसारने को लेकर जिले के लोगों में डर का माहौल है। आतंकवाद के काले दिनों में की शुरुआत भी तरनतारन से हुई थी, जिसमें कई घरों के चिराग बुझ गए थे। बेशक पंजाब सरकार ने इसके खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं, लेकिन गांव पंडोरी गोला में हुए ब्लास्ट और काउंटर इटैलीजैंस द्वारा जिले से संबंधित खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के एक आतंकी को भारी हथियारों सहित काबू करने पर लोगों के होश उड़ गए हैं। उधर खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स काबू आतंकी बाबा बलवंत सिंह के कारनामों से उसके घरवाले बिल्कुल अनजान बताए जा रहे हैं। वहीं ये ग्रुप पंजाब और साथ लगते सूबों में आतंकवादी हमला करने की साजिश रच रहा था।
पुलिस द्वारा काबू खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के आतंकी बाबा बलवंत सिंह पुत्र मिलखा सिंह निवासी वडिंग मोहनपुर की कारनामों से उसके घरवाले और गांव वाले अंजान हैं। जाट बरादरी के पिता मिलखा सिंह ने बताया कि बलवंत सिंह कई सालों से धार्मिक डेरों पर रहता है। उसकी पत्नी राजविंदर कौर की मौत हो गई थी। तब उसकी तीन साल की बेटी अमन कौर का पालन-पोषण चाचा सुखदेव सिंह ने किया था। वहीं भाई आलम सिंह, बहू कर्मजीत कौर, पोते सुखजिंदर सिंह ने बताया कि बलवंत सिंह 19 सितम्बर को श्री खडूर साहिब के धार्मिक मेले में हिस्सा लेने के बाद दोपहर आया था पर उसी दिन लौट गया था। कर्मजीत कौर ने बताया कि उसका पति सुखदेव सिंह लंबे समय से गुजरात में ढाबा चलाता है। वह मेले के मौके गांव में आया था। उसे 20 सितम्बर की सुबह काउंटर इटैलीजैंस की टीम सिविल कपड़ों में ले गई थी। उन्होंने बलवंत सिंह की जानकारी हासिल करने को उससे मारपीट की। जब बलवंत सिंह के काबू होने का पता चला तो पुलिस ने सुखदेव सिंह को छोड़ दिया। बलवंत सिंह कुछ समय पहले सिंगापुर गया था पर उसके पास कोई हथियार नहीं है। उसने कुछ साल असला लाइसैंस की अर्जी दी थी पर मिला नहीं था।