Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Nov, 2017 08:47 AM
नगर निगम के बाहर ट्रैफिक पुलिस के ए.एस.आई. रछपाल सिंह ने नाकेबंदी के दौरान एक ऑटो को रोका और उसके चालक के मुंह में अल्कोहल मीटर डालकर चैक किया तो शराब की मात्रा 84 एम.जी. तक आई। यह देख कर पुलिस वाले भी दंग रह गए।
जालंधर(शौरी): नगर निगम के बाहर ट्रैफिक पुलिस के ए.एस.आई. रछपाल सिंह ने नाकेबंदी के दौरान एक ऑटो को रोका और उसके चालक के मुंह में अल्कोहल मीटर डालकर चैक किया तो शराब की मात्रा 84 एम.जी. तक आई। यह देख कर पुलिस वाले भी दंग रह गए। ए.एस.आई. रशपाल सिंह ने बताया कि ऑटो चालक के पास कोई दस्तावेज भी नहीं था, जिस कारण उसका ऑटो जब्त कर लिया गया।
शादी समारोह में गया था जनाब, थोड़ी पी ली
ऑटो चालक का कहना था कि जनाब शादी के समारोह में जाने के कारण उसने थोड़ी शराब पी है। वह ऑटो 300 रुपए देकर किराए पर दोमोरिया पुल के पास से व्यक्ति से लाया था।
सिफारिश सुने बगैर ट्रैफिक पुलिस जवान अपना कार्य करें : ए.सी.पी. ट्रैफिक
ए.सी.पी. ट्रैफिक हरविंदर सिंह भल्ला ने कहा कि ट्रैफिक पुलिस में तैनात सभी ए.एस.आई. को अल्कोहल मीटर दिए जा चुके हैं और शराबी हालत में गाड़ी चलाने वालों के खिलाफ सख्ती करने के साथ उनके चालान काटने के आदेश दे दिए गए हैं। किसी की भी सिफारिश सुने बगैर ट्रैफिक पुलिस जवान अपना कार्य करें।
महानगर में अवैध रूप से चलने वाले ऑटोज के कारण लोग हो रहे परेशान
वैसे तो महानगर में मंजूरशुदा ऑटो चालकों की तुलना में अवैध ऑटो चालकों की गिनती काफी अधिक है, नियम के मुताबिक ऑटो चालकों को परमिट लेकर ही सवारियां उठानी होती हैं लेकिन अब महानगर में हालात ये हो चुके हैं कि अधिकतर ऑटो चालकों के पास कोई दस्तावेज तो दूर उनके पास लाइसैंस भी नहीं होता। कुछ ऑटो चालक तो इतनी तेज रफ्तार में ऑटो दूसरे ऑटो चालक से पहले सवारी उठाने के चक्कर में चलाते हैं कि पीछे आ रहे दोपहिया वाहन चालक घायल हो जाते हैं।
कम्पनी बाग चौक से लेकर मछली मार्कीट तक ऑटो चालकों की गिनती इतनी अधिक हो चुकी है कि जाम की स्थिति सारा दिन बनी रहती है, गौर हो कि ज्योति चौक से कुछ ही दूरी पर सिविल अस्पताल स्थित है। जाम के कारण गंभीर मरीजों को उपचार के लिए अस्पताल लेकर जाने वाले एम्बुलैंस वालों को भी प्रतीक्षा करनी पड़ती है, जिस कारण मरीज की जान को खतरा बना रहता है। वहीं महानगर में कुछ ऑटो चालक तो प्रदूषण इतना फैलाते हैं कि उनके ऑटो के पीछे दोपहिया सवार लोगों को सास लेना भी मुश्किल हो जाता है।