रिश्वतखोरों पर हल्ला बोल,2 ASI ., 2 हैड कांस्टेबल व 1 होमगार्ड सस्पैंड

Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Mar, 2018 11:41 AM

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ट्रैफिक पुलिस में फैले भ्रष्टाचार का पर्दाफाश हो गया है।

जालंधर (शौरी): ट्रैफिक पुलिस में फैले भ्रष्टाचार का पर्दाफाश हो गया है। रिश्वतखोर ट्रैफिक मुलाजिमों पर पुलिस कमिश्रर प्रवीण सिन्हा ने हल्ला बोलते हुए उन्हें सस्पैंड कर दिया है। कैंटर चालक से 2 अलग-अलग नाकों पर 500 रुपए की वसूली करने वाले 2 ए.एस.आई., 2 हैड कांस्टेबल व एक होमगार्ड के जवान को सस्पैंड कर इनकी विभागीय जांच खोल दी गई है। पहले इन सभी पुलिस मुलाजिमों के खिलाफ केस दर्ज करने की तैयारी की जा रही थी, मगर बाद में किसी तरह मामले को ठंडा करते हुए इन मुलाजिमों व अधिकारियों को सस्पैंड कर दिया गया। 

 

जानकारी के मुताबिक पुलिस कमिश्रर को 9 मार्च की दोपहर को किसी ने सूचना दी कि पी.ए.पी. चौक के पास ट्रैफिक पुलिस वाले बाहरी वाहनों के चालकों से रिश्वत एंठते हैं। पुलिस कमिश्रर ने तुरंत ए.डी.सी.पी. हैडक्वार्टर गौतम सिंगला की ड्यूटी लगाई। प्राइवेट कार में ए.डी.सी.पी. हैडक्वार्टर पी.ए.पी. चौक पहुंचे, वहां पर कैंटर चालक ने रिश्वत लेने वाले मुलाजिमों की पहचान की। इसके बाद इन मुलाजिमों को लेकर ए.डी.सी.पी. कैंट थाने पहुंचे और वहां कैंटर चालक के बयान दर्ज किए। इस दौरान कैंटर चालक ने पूरे मामले का ब्यौरा देते हुए कहा कि उससे परागपुर रोड के पास भी ए.एस.आई. गुलशन के साथ हैड-कांस्टेबल मेहर सिंह ने ट्रक वाले को रोका और चालान व ट्रक जब्त करने की बात कहकर उसे डराया और छोडऩे के एवज में 200 रुपए लिए थे। इसके बाद वायरलैस कर इन दोनों को भी कैंट थाने बुलाया गया। 

 

कैंटर चालक ने बताया कि परागपुर के पास 200 रुपए देने के बाद जब वह पी.ए.पी. चौक के पास पहुंचा तो वहां ड्यूटी पर तैनात ए.एस.आई. सतनाम सिंह के साथ मौजूद हैड-कांस्टेबल सुखवंत सिंह व होम गार्ड के जवान जगजीत सिह उर्फ जंगी ने ट्रक चालक से कागजात मांगे और उसे छोडऩे के बदले 300 रुपए रिश्वत के तौर पर लिए। पूरे मामले मे पांचों पुलिस कर्मचारियों की गलती सामने आई है। दोनों ए.एस.आई. के नेतृत्व में रिश्वत ली जा रही थी।


रिश्वतखोरी मुझे पसंद नहीं : कमिश्नर 

इस मामले में पुलिस कमिश्रर प्रवीन कुमार सिन्हा से बात करने पर उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग में रिश्वतखोरी उन्हें बिल्कुल पसंद नहीं, चाहे वह हैड कांस्टेबल हो या फिर सीनियर अधिकारी। पांचों पुलिस वालों को उन्होंने सस्पैंड कर लाइन हाजिर कर दिया है और इनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गई है।  पुलिस कमिश्रर सिन्हा ने कहा कि रिश्वत लेना और देना दोनों जुर्म है, यदि पब्लिक से कोई पुलिस वाला पैसे मांगता है तो लोग सीधा उनके पास आकर शिकायत करें, वह एक्शन लेंगे। लोगों की मदद से ही रिश्ववतखोरी बंद हो सकती है।


सानूं वगार पांदे हो तां ही असी पैसे लेंदे आ जनाब


सूत्रों से पता चला है कि 9 मार्च को हुई वारदात के बाद पी.ए.पी. चौक में ए.एस.आई. सतनाम सिंह व उसके साथियों से पूछताछ होने के बाद ए.एस.आई. गुलशन कुमार व हैडकांस्टेबल मेहर सिह को पुलिस कमिश्नर दफ्तर में बुलाया गया। जहां उनमें से मौजूद एक पुलिस वाले ने गुस्से में एक पुलिस अधिकारी को बोल डाला कि सानूं वगार पांदे हो तां ही असी पैसे लेंदे आं जनाब। 
इस बात से उक्त अधिकारी को गुस्सा आया और उसने तुरंत पुलिस कमिश्नर को सभी को सस्पैंड करने की सिफारिश कर डाली। नतीजन 11 मार्च को सभी को सस्पैंड करने के ऑर्डर जारी हुए।

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