नीले कार्डों की री-वैरीफिकेशन में काटे गए गरीब परिवारों को फिर मिलेगा आटा-दाल योजना का लाभ

Edited By Vatika,Updated: 13 Apr, 2018 10:24 AM

atta dal scheme

नीले कार्डों की री-वैरीफिकेशन के दौरान विधवाओं व अपाहिज महिलाओं तक के कार्ड रद्द करने को लेकर कैप्टन सरकार गरीब परिवारों के निशाने पर है। जिन जरूरतमंद कार्डधारकों का नाम योजना से काट दिया गया है वे कांग्रेसी विधायकों व पार्षदों के पास पहुंचकर गुहार...

लुधियाना: नीले कार्डों की री-वैरीफिकेशन के दौरान विधवाओं व अपाहिज महिलाओं तक के कार्ड रद्द करने को लेकर कैप्टन सरकार गरीब परिवारों के निशाने पर है। जिन जरूरतमंद कार्डधारकों का नाम योजना से काट दिया गया है वे कांग्रेसी विधायकों व पार्षदों के पास पहुंचकर गुहार लगाने में जुटे हैं। इन परिवारों ने उक्त नेताओं को बताया कि री-वैरीफिकेशन के दौरान उनके मुंह का निवाला छीनकर साहूकारों की थालियों में डाला गया है, जो ऐशो-आराम की जिंदगी व्यतीत करते हुए लग्जरी गाडिय़ों में घूमते हैं। ऐसे लोग सरकार की आटा-दाल योजना के हकदार नहीं हैं। लोगों के सरकार के प्रति बढ़ते गुस्से को देखकर कांग्रेसी विधायकों ने उक्त परिवारों के नीले कार्ड फिर से बहाल करने की बात कही है ताकि अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव में पार्टी को उक्त परिवारों की नाराजगी न झेलनी पड़े।

खुद को लाचार महसूस कर रहे अधिकारी
उक्त मामले को लेकर लाभपात्र परिवार खाद्य एवं आपूर्चि विभाग के अधिकारियों के पास अपनी शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं। इन परिवारों का कहना है कि उनके पास कमाई का कुछ खास साधन नहीं है जिस कारण उनकी आर्थिक स्थिति दयनीय है। इस संबंधी अधिकारियों का कहना है कि नीले कार्डों की री-वैरीफिकेशन व कार्ड रद्द करने का सारा काम प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा किया गया है, जिसमें उनका कोई रोल नहीं है। गरीब परिवारों के कार्ड नए सिरे से बनवाए जाने संबंधी पूछने पर अधिकारियों ने कहा कि वे इस मामले में खुद को लाचार महसूस कर रहे हैं।

26,000 परिवार हुए प्रभावित
सरकार द्वारा नीले कार्डधारक परिवारों की करवाई गई री-वैरीफिकेशन की बात करें तो जिले में जांच टीम के अधिकारियों द्वारा करीब 26,000 कार्ड रद्द किए गए हैं, जिसका खमियाजा उक्त परिवारों से संबंधित करीब 1.&0 लाख सदस्यों को भुगतना पड़ रहा है, जो पंजाब सरकार की आटा-दाल योजना के तहत मिलने वाली 2 रुपए प्रति किलो गेहूं का लाभ प्राप्त कर रहे थे।

‘पंजाब केसरी’ ने उठाया था मुद्दा
बता दें कि ‘पंजाब केसरी’ द्वारा लोक कल्याण की उक्त योजना के अधिकार सही परिवारों तक न पहुंचने संबंधी मुद्दा 16 मार्च को ‘गरीबों के मुंह का निवाला साहूकारों की थाली में’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित करके उठाया था। बताया गया था कि किस तरह कोठियों में रहने, लग्जरी गाडिय़ों में घूमने व सरकारी नौकरियां करने वाले गरीबों के हक पर डाका मारते हुए उनके हिस्से की सरकारी गेहूं गाडिय़ों में भरकर ले जाते हैं। वहीं मजदूरी करने वाले परिवार सरकार की नजर-ए-इनायत पर हैं लेकिन कार्डों की री-वैरीफिकेशन में उनके नाम काटकर उन्हें आघात पहुंचाया गया है।

विधायक तलवाड़ ने मांगी लिस्ट 
कांग्रेसी विधायक संजय तलवाड़ ने विभागीय अधिकारियों से उन परिवारों की लिस्ट मांगी है जिनके कार्ड री-वैरीफिकेशन के दौरान रद्द किए गए हैं। विधायक ने माना कि जांच टीम के कर्मचारियों ने कार्डों की री-वैरीफिकेशन के दौरान लापरवाही की है। उन्होंने डोर-टू-डोर जाकर अपनी जिम्मेदारी को सही ढंग से नहीं निभाया है जिस कारण गरीब परिवारों को परेशानी उठानी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि असल में यह सब खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के इंस्पैक्टरों व डिपो मालिकों का ही किया-धरा लगता है। तलवाड़ ने कहा कि वह प्रत्येक गरीब परिवार को उनका अधिकार दिलाने के लिए वचनबद्ध हैं।

जिलाधीश से मिले पार्षद शर्मा
वहीं अपाहिज व विधवा महिला का राशन कार्ड काटे जाने के मामले में इलाका सलेम टाबरी के पार्षद आर.डी. शर्मा जिलाधीश प्रदीप अग्रवाल से मिले और मांग की कि जांच टीम की गलती की वजह से रद्द किए गए गरीब परिवारों के कार्ड फिर से बहाल किए जाएं।  

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!