घल्लूघारा दिवसःखालिस्तानी नारों के बीच श्री हरिमंदिर साहिब में लहराईं तलवारें

Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Jun, 2018 11:21 AM

atmosphere is tense shri harminder sahib

श्री हरमंदिर साहिब में घल्लूघारा दिवस के संबंध श्री हरमंदिर साहिब में होने वाले 34वीं शहादत समारोह में हंगामा हो गया। समारोह में श्री अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन  सिंह ने कौम के नाम संदेश जारी किया।

अमृतसर (ममता): 6 जून 1984 के घल्लूघारे की 34वीं वर्षगांठ पर श्री अकाल तख्त साहिब में मनाया जाने वाला शहीदी समारोह नंगी तलवारें व खालिस्तान के झंडे लहरा कर खालिस्तान के पक्ष तथा भारत सरकार के खिलाफ नारेबाजी के साथ तनावपूर्ण स्थिति में सम्पन्न हुआ। इस दौरान गर्म ख्याली संगठनों के समर्थकों की ओर से श्री अकाल तख्त साहिब पर हुल्लड़बाजी करने की कोशिशों से सख्ती से निपटने के लिए पुलिस प्रशासन और शिरोमणि कमेटी की टास्क फोर्स ने काफी प्रयास किया।  

घल्लूघारे को सिख पंथ कभी नहीं भुला सकता : ज्ञानी गुरबचन सिंह

श्री अकाल तख्त साहिब में शहीदों की याद में रखे श्री अखंड पाठ साहिब के भोग डाले गए और उसके बाद जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह ने पंथ के नाम संदेश में कहा कि घल्लूघारे को सिख पंथ कभी भी भुला नहीं सकता। ज्ञानी गुरबचन सिंह ने सरकार को कहा कि बरगाड़ी में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी करने  वाले  आरोपियों  को गिरफ्तार करके कड़ी सजा दे।  उन्होंने संगत से अपील की कि वह खंडे बांटे का अमृतपान कर पंथक परिवार का हिस्सा बने। उन्होंने संगत को सामाजिक कुरीतियों से बचने की भी अपील की। समागम के दौरान शहीदों के परिवारों को जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह, मुख्य ग्रंथी ज्ञानी जगतार सिंह और शिरोमणि कमेटी के प्रधान गोबिंद सिंह लौंगोवाल ने सिरोपा देकर सम्मानित किया।PunjabKesari

अकाल तख्त साहिब के मौजूदा जत्थेदार ध्यान सिंह मंड, न की गुरबचन सिंह
पत्रकारों के साथ बात करते हुए सिमरनजीत सिंह मान ने कहा कि सिखों ने सेना के हमले के दौरान अपनी शहादत दे दी परंतु श्री दरबार साहिब की शान को नुक्सान नहीं पहुंचने दिया। उन्होंने कहा कि जत्थेदार गुरबचन सिंह पूर्व जत्थेदार हैं। मौजूदा जत्थेदार भाई ध्यान सिंह मंड हैं।  उनकी ओर से भी खालिस्तान की मांग की गई है।  

PunjabKesariपहले जत्थेदार और फिर मान के भाषण पर हुई हुल्लड़बाजी
अरदास के बाद जब श्री अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह ने पंथ के नाम संदेश देना शुरू किया तो वहां मौजूद सिमरनजीत सिंह मान के समर्थकों ने शोर मचाना शुरू कर दिया। खालिस्तान के पक्ष में नारे लगाते हुए कहा कि संदेश बंद करो। ऐसे में कुछ समय के लिए स्थिति तनावपूर्ण हो गई लेकिन इसके बाद माहौल उस समय और ज्यादा बिगड़ा जब सिमरनजीत सिंह मान ने श्री अकाल तख्त साहिब के नीचे खड़े होकर अपना भाषण देना शुरू किया तो श्री दरबार साहिब के चल रहे कीर्तन वाले स्पीकरों की आवाज को तेज कर दिया गया।इस पर मान समर्थकों में बहुत बेचैनी पाई गई और उनके कुछ समर्थकों ने बाहर से ही श्री अकाल तख्त साहिब पर लगे स्पीकरों को बंद करने की नीयत से ऊपर चढने की कोशिश की लेकिन सफल नहीं हो सके। एक समर्थक ने अपने बर्छे के साथ स्पीकर फाडऩे की कोशिश भी की परंतु वहां मौजूद एक सिंह ने उसको रोक दिया। PunjabKesari
 

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