Edited By Suraj Thakur,Updated: 09 Mar, 2019 07:13 PM
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अपना आखिरी चुनावी भाषण फरवरी 2007 में पंजाब की गुरूनगरी अमृतसर में दिया था।
अमृतसर।(सूरज ठाकुर) जम्मू-कश्मीर के पुलवामा आतंकी हमले में 40 जवानों की शहादत और भारतीय वायुसेना की पाकिस्तान के बालाकोट में की गई एयर स्ट्र्राइक को लेकर पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की बयानबाजी सुर्खियों में है। उनकी बयानबाजी से मोदी समर्थक भले ही खासे भड़के हुए हों, लेकिन अभी तक कांग्रेस आलाकमान ने उनकी बयानबाजी पर कोई आपत्ति जाहिर नहीं की है। क्रिकेट के धुरंधर रहे सिद्धू ने 2019 के लिए सजे राजनीतिक अखाड़े में गर्माहट पैदा कर रखी है। बार-बार मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा करके वह 300 आतंकियों की मौत के सबूत मांग रहे हैं। ऐसे में punjabkesari.in आपको बताने जा रहा है कि सिद्धू ऐसे शख्स हैं जिनके लिए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अपनी आखिरी चुनावी रैली में उनके लिए वोट मांगे थे। पढ़ें कांग्रेस को कैसे घेरा था आतंकवाद पर...
पंजाब में थे लोकसभा उप चुनाव और विधानसभा चुनाव...
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अपना आखिरी चुनावी भाषण फरवरी 2007 में पंजाब की गुरुनगरी अमृतसर में दिया था। इस दौरान पंजाब विधानसभा चुनाव के साथ अमृतसर लोकसभा उपचुनाव भी करवाया गया था। जब 2004 में केंद्र से एनडीए सरकार सत्ता से बाहर हो गई थी तो अमृतसर से बीजेपी की टिकट पर पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू सांसद बने थे। रोडरेज के केस में 2006 में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में दोषी पाए जाने पर उन्होंने सांसद पद से इस्तीफा दे दिया था। सुप्रीम कोर्ट में अपील करने के बाद उन्होंने यह उपचुनाव फिर जीत लिया था।
आतंकवाद का ऐसे किया था जिक्र...
वाजपेयी ने अमृतसर में रैली को संबोधित करते हुए कहा था, "मुझे ये सुनकर ताज्जुब हुआ कि कांग्रेस के नेताओं ने यहां आतंकवाद का हौवा खड़ा करने की कोशिश की है। आतंकवाद की चर्चा करना यह दिखाता है कि वोट के लिए कहां तक गिरा जा सकता है। लेकिन हमें मिलकर पंजाब और देश को बनाना है।" उन्होंने कहा था, "दाल के भाव क्या हैं, चावल के भाव क्या हैं। भाव कम करने के लिए केंद्र सरकार ने क्या किया? इतनी कीमतें बढ़ गई हैं कि गरीब अपना पेट नहीं पाल सकता। गरीब दाल में कितना पानी डालेगा?"
अब ऐसा है राजनीतिक माहौल...
पुलवामा हमले के बाद देश में चुनावी माहौल पूरी तरह से गर्माया हुआ है। आम जनता के बुनियादी मुद्दे आतंकवाद के शोर में दफन हो चुके हैं। सियासी भाषण भारत-पाक सीमाओं से शुरू होकर सेना पर खत्म हो रहे हैं। देश में सेना पर सियासत न करने की बात तो की जा रही है, पर कौन से राजनीतिक दल ने सेना पर सियासत की शुरुआत की है, यह सिद्ध करना कठिन हो चुका है। पीएम मोदी रैलियों में कांग्रेस सहित उन सब दलों पर सेना पर सियासत करने का आरोप लगा रहे हैं जो पाकिस्तान के बालाकोट में की गई एयर स्ट्राइक के दौरान मारे गए आतंकियों का हिसाब मांग रहे हैं। वह अपने भाषणों में आतंकवाद को खत्म करने की पैरवी कर रहे हैं। इस तरह के माहौल में नवजोत सिंह सिद्धू बार-बार उनसे बालाकोट एयर स्ट्राइक में मारे गए आतंकियों का हिसाब मांग रहे हैं। सिद्धू इस मुद्दे को लेकर ट्वीटर पर सक्रिय हैं और दो-तीन बार ट्वीट कर चुके हैं। राफेल को लेकर भी ट्वीटर पर उन्होंने मोदी सरकार पर कई सवाल खड़े किए हैं।
तीन बार बने देश के प्रधानमंत्री...
स्व. अटल बिहारी वाजपेयी 3 बार देश के प्रधानमंत्री बने थे। सबसे पहले वे 1996 में 13 दिन के लिए प्रधानमंत्री बने। लेकिन बहुमत साबित न कर पाने की वजह से उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। दूसरी बार वे 1998 में प्रधानमंत्री बने। सहयोगी पार्टियों के समर्थन वापस लेने की वजह से 13 महीने बाद में उनकी सरकार गिर गई थी। 1999 में दोबारा आम चुनावों के बाद 13 अक्टूबर को वे तीसरी बार प्रधानमंत्री बने। उन्होंने 2004 तक अपना कार्यकाल पूरा किया।…