ASI करता था लॉटरी की दुकानों से वसूली, 5 से 10 हजार रुपए प्रति महीना किया था सैट

Edited By Vaneet,Updated: 19 Aug, 2019 11:53 AM

asi collects camera from lottery shops

पुलिस अवैध लॉटरी का धंधा करने वाले आरोपियों को संरक्षण देकर उन्हें मजबूत बना रही है।

लुधियाना(तरुण): सैंकड़ों लॉटरी की अवैध दुकानें पुलिस के संरक्षण में निरंतर पनप रही हैं। पौधे को जिस तरह पानी देकर पेड़ बनाया जाता है वैसे ही पुलिस अवैध लॉटरी का धंधा करने वाले आरोपियों को संरक्षण देकर उन्हें मजबूत बना रही है। जबकि वैध रूप से लाटरी की बिक्री न होने के कारण करोड़ों को घाटा सहन कर रही पंजाब सरकार भी इन्हें रोक पाने में असमर्थ है। इसका एक मुख्य कारण आमतौर पर यह भी सामने आया है कि नीचे से ऊपर तक के कई पुलिस अधिकारी भी इन अवैध लॉटरी के सट्टे के कारोबार में शामिल लोगों के साथ हैं। पंजाब की मुख्य 2 लाटरी कंपनी के मालिक भी इस बात को मान चुके हैं। ऐसा ही कुछ नजारा पंजाब केसरी की टीम ने अपने कैमरे में कैद किया जब घंटाघर इलाके में खाकी वर्दी में एक ए.एस.आई. लॉटरी की दुकान पर पहुंचा। कुछ देर बातचीत करने के बाद पुलिस मुलाजिम को बंद मुट्ठी में नोट थमा दिए गए। मुलाजिम के हाथ में एक डायरी भी दिखी। सूत्रों के अनुसार पुलिस मुलाजिम के हाथ में जो डायरी थी, उसमें अवैध लॉटरी दुकानों से वसूली का ब्यौरा है।

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दुकान का 5 से 10 हजार रुपए प्रति महीना सैट
सूत्रों के अनुसार जिन दुकानों में लॉटरी कम्प्यूटर नहीं लगे हैं वे दुकानदार बिना पुलिस की सैटिंग के अवैध लाटरी का सट्टा नहीं कर सकते। दुकानदार को 7 से 10 हजार रुपए प्रतिमाह के हिसाब से पुलिस के साथ सैटिंग करनी पड़ती है। जिन दुकानों में कम्प्यूटर लगे हैं वे दुकानदार कम्प्यूटर से लॉटरी की पर्ची निकालने की बजाय अधिकतर सट्टे की पर्ची लिख कर मुनाफा कमाते हैं। इसकी एवज में पुलिस के साथ 5 से 7 हजार रुपए महीने में सैटिंग करनी पड़ती है।

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