Edited By swetha,Updated: 15 Sep, 2018 08:57 AM
दमदमी टकसाल के प्रमुख संत ज्ञानी हरनाम सिंह खालसा ने गुरु नानक देव के 550वें प्रकाश पर्व पर राष्ट्रपति को सजाएं पूरी कर चुके 20 सिख कैदियों को भारतीय संविधान की धारा 72 के अंतर्गत मिले अधिकारों का प्रयोग करते हुए रिहा करने के लिए अपील की है। साथ ही...
अमृतसर(ममता): दमदमी टकसाल के प्रमुख संत ज्ञानी हरनाम सिंह खालसा ने गुरु नानक देव के 550वें प्रकाश पर्व पर राष्ट्रपति को सजाएं पूरी कर चुके 20 सिख कैदियों को भारतीय संविधान की धारा 72 के अंतर्गत मिले अधिकारों का प्रयोग करते हुए रिहा करने के लिए अपील की है। साथ ही उन्होंने बुड़ैल जेल में कैद परमजीत सिंह भ्योरा को उसकी नाजुक हालत में रह रही बूढ़ी मां से मिलने की इच्छा पूरी करने के लिए तुरंत कस्टडी पैरोल देने की भी मांग की है।
दमदमी टकसाल के प्रमुख ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द को लिखे पत्र में कहा कि सिख कौम ने भारत की आजादी के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यह कौम गुरु साहिबान की ओर से दिखाए गए सरबत के भले वाले मार्ग पर चल कर मानवता की सेवा को समर्पित है। उन्होंने गुरु नानक देव के 550वें प्रकाश पर्व पर अपनी सजाएं पूरी कर चुके परन्तु देश की अलग-अलग जेलों में कैद 20 सिख कैदियों जिनमें 12 तो 20-20 साल से अधिक कैद काट चुके हैं, को रिहा करने की मांग राष्ट्रपति से की है ताकि वे गुरु पर्व के समागमों में शामिल हो सकें।
रिहाई के लिए भेजे गए सिख कैदियों के नाम
रिहाई के लिए भेजी गई सिख कैदियों की सूची में लाल सिंह निवासी अकालगढ़, दिलबाग सिंह निवासी अटलान, प्रो. दविन्द्रपाल सिंह भुल्लर, गुरदीप सिंह खैहरा, दया सिंह लाहौरिया, लखविन्द्र सिंह लक्खा निवासी कनसाल, गुरमीत सिंह मीता, शमशेर सिंह, परमजीत सिंह भ्योरा, सुबेग सिंह सरून, नंद सिंह सरून, बलवंत सिंह राजोआणा, जगतार सिंह हवारा, हरनेक सिंह भप्प, जगतार सिंह तारा, सुरिन्द्र सिंह छिन्दा, सतनाम सिंह अरकपुर खालसा, दयाल सिंह रसूलपुर, सुच्चा सिंह रसूलपुर और बलबीर सिंह बीरा शामिल हैं।