Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Sep, 2017 08:52 AM
पंजाब की संकटमयी वित्तीय स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह द्वारा स्वयं पंजाब विधानसभा के सत्र के दौरान अपने फार्मों के लिए बिजली सबसिडी छोडऩे के ऐलान के साथ-साथ अन्य नेताओं व अमीर किसानों से राज्य और किसान हितों में स्वेच्छा से यह...
चंडीगढ़(शर्मा): पंजाब की संकटमयी वित्तीय स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह द्वारा स्वयं पंजाब विधानसभा के सत्र के दौरान अपने फार्मों के लिए बिजली सबसिडी छोडऩे के ऐलान के साथ-साथ अन्य नेताओं व अमीर किसानों से राज्य और किसान हितों में स्वेच्छा से यह सबसिडी त्यागने के आह्वान का जमीनी स्तर पर कोई असर नहीं हुआ है। यही नहीं, पावरकॉम के रिकार्ड के अनुसार अभी तक पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता एवं भुलत्थ विधानसभा क्षेत्र से आम आदमी पार्टी विधायक सुखपाल सिंह खैहरा के अलावा किसी भी मंत्री, विधायक या समृद्ध किसान द्वारा स्वेच्छा से सबसिडी त्यागने की पेशकश नहीं की है।
सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत सामाजिक कार्यकत्र्ता व आर.टी.आई. एक्टिविस्ट एच.सी. अरोड़ा द्वारा एक्ट के तहत पावरकॉम से प्राप्त जानकारी में यह खुलासा हुआ है। अरोड़ा को जानकारी दी गई है कि खैहरा ने कैप्टन के आह्वान से वर्षों पहले ही वर्ष 2015 में पूर्व विधायक होते हुए ही अपने एग्रीकल्चर ट्यूबवैल पम्पों के लिए स्वेच्छा से यह सबसिडी त्यागने की पेशकश कर दी थी।
पावरकॉम के सचिव कार्यालय के सूचना अधिकारी द्वारा अरोड़ा को प्रदान जानकारी के अनुसार खैहरा की सबसिडी त्यागने की पेशकश पर संबंधित समिति की बैठक में अप्रैल, 2016 में चर्चा की गई थी लेकिन मामला सरकार के स्तर पर नीतिगत होने के नाते कोई फैसला नहीं लिया जा सका था, अब सरकार के स्तर पर फैसला लिया गया है कि यदि कोई व्यक्ति स्वेच्छा से पावर सबसिडी त्यागना चाहता है तो फिर सरकार को इस पर कोई आपत्ति नहीं होगी इसलिए खैहरा की पेशकश पर अब विचार हो रहा है। जानकारी में यह स्पष्ट किया गया है कि खैहरा के अलावा फार्म सबसिडी त्यागने के लिए पावरकॉम के पास और कोई पेशकश प्राप्त नहीं हुई है।