शिअद को एक और बड़ा झटका, स्थानीय टकसाली नेताओं ने छोड़ी पार्टी

Edited By Vaneet,Updated: 15 Nov, 2018 05:56 PM

another major blow to akali dal local stereotypical leaders left party

टकसाली नेताओं द्वारा इस्तीफा देने के बाद शिअद प्रधान सुखबीर बादल को उनके चुनावी क्षेत्र जलालाबाद से बड़ा झटका लगा है। सूत्रों के मुताबिक जिले के मार्कीट कमेटी के पूर्व ....


जलालाबाद(सेतिया): लोक सभा चुनावों से पहले अकाली दल बादल के लिए मुश्किलें बढ़ती जा रही है। गुरूवार को शिरोमणि अकाली दल के टक्साली नेता व जत्थेदार चरण सिंह कंधवाना ने बड़ी संख्या में साथियों सहित बादल परिवार को अलविदा कहा। 

इस समय उनके साथ महिल सिंह राणा पूर्व मीत प्रधान शिरोमणि अकाली दल, नरायण दास गांव मौज्म सचिव अकाली जत्था फाजिल्का, मनजीत सिंह मल्ल मैंबर पंचायत कंधवाला हाजर खां, दलजीत सिंह यूथ अकाली नेता, दिलबाग सिंह मंमू खेडा, गुरनाम सिंह कंधवाला मीत प्रधान अकाली जत्था फाजिल्का, नरसिंह कटियांवाला, गुरमेल सिंह पूर्व सरपंच माहूआना सीनियर मीत प्रधान हलका फाजिल्का, तेग सिंह घुडियाना मीत प्रधान अकाली जत्था फाजिल्का, सुबेग सिंह पूर्व मैंबर एससी विंग मीत प्रधान फाजिल्का, मूरत सिंह कंधवाला, मेहर सिंह संधू प्रधान यूथ अकाली जत्था अरनीवाला, मेहर सिंह भंगू प्रचार सचिव अकाली दल फाजिल्का, कर्मजीत सिंह कंधवाला आदि नेता शामिल थे।

जानकारी देते चरण सिंह ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल पार्टी अब पुरानी पार्टी नहीं रही व जिस धर्म को लेकर पार्टी का विस्तार हुआ था आज पार्टी नेता उसे अपने निजी स्वार्थ के लिए तांक पर रख रहे है। उन्होंने कहा कि बरगाडी कांड व अन्य ऐसे मामले है जिन्हें लेकर सिक्खों में भारी रोष है व उनकी अंतर आत्मा ईजाजत नहीं देती कि वह इस पार्टी में रहकर कार्य कर सकें। उन्होंने बताया कि वह लंबे समय से शिरोमणि अकाली दल से जुडे हुए थे व उनको अपने काम करवाने के लिए हलका इंचार्जो का सहारा लेने के लिए कहा जाता था जबकि कुछ लोग जो अन्य पार्टियों में आए थे व उनको बादल द्वारा पार्टी में सरताज बना दिया गया।

उन्होंने बताया कि गत दिवस श्री हजूर साहिब से उन्होंने अस्तीफे देने शुरू कर दिए थे। उन्होंने बताया कि शिरोमणि अकाली दल का फिर से गठन होगा व वह सिर्फ शिरोमणि अकाली दल ही होगा। उनको ब्लाक समिति की चुनावों के बाद पार्टी द्वारा निकाले जाने की बात पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उन्होंने चुनाव के बाद अस्तीफे दिए थे परंतु सुखबीर बादल का हलका होने कारण उनको मनाने की कोशिशें जारी रही परंतु अब वह खुलकर यह जाहिर करते हंै कि वह शिरोमणि अकाली दल बादल के साथ नहीं है। 

उल्लेखनीय है कि चरण सिंह गत कई दशकों से अकाली दल में सरगर्म थे व इन्होंने 1975 में प्रधान इन्द्रा गांधी के राज्य समय लगी एमरजेंसी, 1982 के धर्म युद्ध मोर्चा व अन्य कई अहम मौकों पर जेलें भी काटी है व चरण सिंह मार्केट कमेटी फाजिल्का के भी चेयरमैन रहे है। उल्लेखनीय है कि गत दिवस मैंबर पार्लियामेंट शेर सिंह घुबाया द्वारा एक टीवी चैनल को दी इंटरव्यू में सुखबीर बा दल की खुलकर विरोधता की गई थी व इस विरोधता के बाद चरण सिंह जोकि शेर सिंह घुबाया के करीबी माने जाते है व उन्होंने गुरूवार को अपने गांव में इक_ दौरान शिरोमणि अकाली दल बादल को छोडऩे का फैसला किया। इस संबंधी शिरोमणि अकाली दल के जिला देहाती प्रधान गुरपाल सिंह गरेवाला ने कहा कि दो माह चरण सिंह व उनके समर्थकों द्वारा अस्तीफे दिए गए व ब्लाक समिति  की चुनावों दौरान चरण सिंह व उनके समर्थकों द्वारा पार्टी की विरोधता के चलते उनके अस्तीफे मंजूर कर लिए गए थे।
 

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