Edited By Vatika,Updated: 24 Nov, 2018 11:35 AM
अमृतसर में दशहरे वाले दिन रेल पटरी पर खड़े होकर रावण दहन देख रहे लोगों के ट्रेन की चपेट में आकर मारे जाने के बाद रेलवे ने अहम योजना तैयार करते हुए ऐसे भीषण हादसों से बचाव के लिए रेल लाइनों के साथ 3000 किलोमीटर लंबी दीवार बनाने का फैसला लिया है।
जालंधर(गुलशन): अमृतसर में दशहरे वाले दिन रेल पटरी पर खड़े होकर रावण दहन देख रहे लोगों के ट्रेन की चपेट में आकर मारे जाने के बाद रेलवे ने अहम योजना तैयार करते हुए ऐसे भीषण हादसों से बचाव के लिए रेल लाइनों के साथ 3000 किलोमीटर लंबी दीवार बनाने का फैसला लिया है।
रेलवे ने लोगों को पटरियों से दूर रखने के लिए उक्त प्लान तैयार किया है, क्योंकि घनी आबादी या भीड़भाड़ वाले इलाकों में अक्सर रेल पटरियों को पार करते समय गंभीर हादसे हो जाते हैं। रेलवे सूत्रों के मुताबिक अमृतसर हादसे के कुछ दिनों बाद ही रेल मंत्री ने यह फैसला लिया था। रेल लाइनों के साथ सीमैंट और कंक्रीट से बनाई जाने वाली दीवार की ऊंचाई 2.7 मीटर ऊंची रहेगी। ये दीवारें शहरी एवं गैर-शहरी दोनों तरह के इलाकों में बनाई जाएंगी और इस पूरी परियोजना पर 2500 करोड़ रुपए की लागत आने की संभावना है।
उल्लेखनीय है कि अमृतसर ट्रेन हादसे में करीब 60 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं, जानकारों का कहना है कि रेल लाइनों के साथ दीवार बनने से रेल पटरियों के साथ कूड़ा फैंकने वालों पर भी अंकुश लगेगा और ट्रेनों की गति में भी इजाफा होगा, क्योंकि रेलवे का मुख्य लक्ष्य सैमी और हाई स्पीड ट्रेनों को चलाने का है। दीवार या फैंसिंग होने से रेल लाइनों पर मवेशियों की आने की संभावना भी काफी कम हो जाएगी।