Edited By Vatika,Updated: 26 Oct, 2018 01:58 PM
अमृतसर में हुए दर्दनाक रेल हादसे में 62 के करीब लोगों की मौत हो गई, जबकि कई गंभीर रूप से घायल हो गए। हर तरफ छाए मातम के बीच एक पिता की खुशी का उस समय पर ठिकाना नहीं रहा, जब उसने अपने जिगर के टुकड़े को सही-सलामत पाया।
अमृतसर (सुमित खन्ना): अमृतसर में हुए दर्दनाक रेल हादसे में 62 के करीब लोगों की मौत हो गई, जबकि कई गंभीर रूप से घायल हो गए। हर तरफ छाए मातम के बीच एक पिता की खुशी का उस समय पर ठिकाना नहीं रहा, जब उसने अपने जिगर के टुकड़े को सही-सलामत पाया।
जानकारी के अनुसार, फूल सिंह का पुत्र अर्शदीप 18 तारीख को घर से कहीं चला गया था। अगले दिन अमृतसर रेल हादसा हो गया। फूल सिंह को लगा कि उसने इस हादसे में अपने बेटे को हमेशा के लिए खो दिया है। वह अपने पुत्र को कभी लाशों में और कभी अस्पतालों में दाख़िल घायलों के बीच ढूंढ रहा था। इसके बाद उन्हें दिल्ली से अर्शदीप सही-सलामत मिला, जिससे उसकी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा।
फूल सिंह को उसके पुत्र के साथ मिलाने में समाज सेवी मंजू का ख़ास योगदान रहा। दिल्ली की एक संस्था के पास पहुंचे अर्शदीप को पूरी अदालती कार्रवार्इ के बाद वापस लाया है। इसके बाद जब बच्चे के साथ बातचीत की गई तो उसने बताया कि वह अपनी मां से मिलने के लिए इटावा जा रहा था, लेकिन आगे से ऐसी गलती कभी नहीं करेगा।