Edited By Vatika,Updated: 20 Oct, 2018 10:51 AM
पंजाब में खुशियों के त्यौहार विजयदशमी पर शुक्रवार देर सायं उस समय मातम पसर गया जब यहां हुए एक हृदय विरादक हादसे में रेलगाड़ी की चपेट में आने से लगभग 60 लोगों की मौत हो गई तथा लगभग 70 अन्य घायल हो गए।
अमृतसरः पंजाब में खुशियों के त्यौहार विजयदशमी पर शुक्रवार देर सायं उस समय मातम पसर गया जब यहां हुए एक हृदय विरादक हादसे में रेलगाड़ी की चपेट में आने से लगभग 60 लोगों की मौत हो गई तथा लगभग 70 अन्य घायल हो गए।
वहीं इस हादसे के बाद रेलवे अधिकारियों के लिए एक सवाल पहेली बन गया है कि जिस स्थान पर कार्यक्रम आयोजित हुआ, क्या वह जमीन रेलवे के हिस्से में आती है या नहीं ? दरअसल, रेलवे अधिकारी इस जांच में जुट गए है कि असल में यह जगह किसकी है? फिरोजपुर के अडिशनल डीआरएम (ऑपरेशंस) एनके वर्मा ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि हर जरूरी पहलुओं की जांच की जा रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता घायलों को अच्छा इलाज दिलाना है। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि रेलवे लाइन के पास कार्यक्रम होने के बाद भी स्थानीय अधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं दी गर्इ। अगर समय पर आयोजक रेलवे को इसकी जानकारी देते और प्रशासन लोगों को ट्रैक से दूर रखने के लिए जरूरी इंतजाम करता तो घटना को टाला जा सकता था।
कैसे हुआ हादसा?
शुक्रवार को जोड़ा फाटक के निकट हुआ जब रेललाईन के निकट विजयदशमी पर्व पर रावण का पुतला जलाया जा रहा था। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में महिलाएं, बच्चे और लोग इस दृश्य को देख रहे थे। वे सभी इस बात से बिलकुल बेखबर थे कि कुछ पल में ही उनका हर्षोल्लास मातम में बदल जाएगा। तभी वहां जालंधर से अमृतसर जा रही डीएमयू रेलगाड़ी तेज गति से गुजरी और उसने पटरी पर खड़े होकर दशहरा पर्व का नजारा देख रहे लोगों को अपनी चपेट में ले लिया। इन लोगों को पटाखों की आवाज में रेलगाड़ी के आने का अहसास तक नहीं हुआ। इस दौरान अनेक लोग रावण का पुतला दहन होने का दृश्य अपने मोबाइल कैमरों में कैद करने में मशगूल थे और अचानक रेलगाड़ी ने इन्हें लील लिया।