Edited By Vatika,Updated: 20 Oct, 2018 09:40 AM
दशहरे वाले दिन अमृतसर के जोड़ा फाटक नज़दीक हुए दर्दनाक हादसे के दौरान घायल हुए लोगों को तुरंत यहां के गुरु नानक देव अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन सरकारी तंत्र का इतना बुरा हाल था कि घायलों के परिवारों ने रातों-रात अपने मरीजों को प्राईवेट...
अमृतसर (रमनदीप सोढी): दशहरे वाले दिन अमृतसर के जोड़ा फाटक नज़दीक हुए दर्दनाक हादसे के दौरान घायल हुए लोगों को तुरंत यहां के गुरु नानक देव अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन सरकारी तंत्र का इतना बुरा हाल था कि घायलों के परिवारों ने रातों-रात अपने मरीजों को प्राईवेट अस्पतालों में शिफ्ट करवा लिया।
जब 'पंजाब केसरी' की टीम रात के समय अस्पताल पहुंची तो 5 के करीब घायल ही अस्पताल में मौजूद थे, जबकि डाक्टरों का कहना था कि दूसरे वार्ड में भी हादसे के घायलों का इलाज चल रहा है और कुछ का आपरेशन किया जा रहा है। इस घटना के लिए सरकारी अस्पताल बिल्कुल तैयार नहीं था क्योंकि अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में ही इस हादसे के 3-4 घंटे के बाद ख़राब लाईटों को बदला जा रहा था और वेंटिलेटर की भी कमी थी। हालांकि प्रशासन की तरफ से कहा गया था कि 100 के करीब डाक्टरों और नर्सों को तैनात किया गया लेकिन ये लोग भी क्या कर लेंगे, जब अस्पताल में सुविधाएं ही पुरी नहीं होंगी।इसी कारण सरकारी तंत्र से लोगों का भरोसा उठ चुका है।
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि जब यह हादसा हुआ तो हालात बहुत भयानक थे और एक के बाद एक एंबुलेंस अस्पताल में आ रही थी। लोगों का कहना था कि डाक्टरों ने तो अपनी तरफ से पूरी इंसानियत दिखाई लेकिन जो सरकारी सुविधाएं अस्पताल में नहीं हैं, उनमें डाक्टर भी क्या कर सकते हैं। बड़ा सवाल तो यह पैदा होता है कि यदि सरकार दावे करती हैं तो सरकारी अस्पतालों में प्राईवेट अस्पतालों जैसी सुविधाएं क्यों नहीं मुहैया करवाई जातीं।