Edited By Vaneet,Updated: 12 Jul, 2018 05:23 PM
अमृतसर रेलवे स्टेशन को इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम के साथ जोडऩे के चल रहे काम का अंतिम पड़ाव शुरू होने जा रहा है। ..
अमृतसर: अमृतसर रेलवे स्टेशन को इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम के साथ जोडऩे के चल रहे काम का अंतिम पड़ाव शुरू होने जा रहा है। इसका काम 19 जुलाई से शुरू होगा, जोकि 31 जुलाई तक चलेगा। इसी के तहत 13 दिनों केलिए अमृतसर से चलने वाली ज्यादातर ट्रेनें प्रभावित रहेंगी। रेलवे ने 19 से 31 जुलाई तक 21 मेल एक्सप्रेस और 13 पैसेंजर्स ट्रेनों को रद्द करने का फैसला किया है। बाकी ट्रेनें शॉर्ट टर्मिनेट रहेंगी और कुछ को डायवर्ट करके भी चलाया जाएगा। इन 13 दिनों के अंदर रेलवे रूट रिले इंटरलॉकिंग का काम किया जाएगा।
समाप्त हो जाएगा कांटा सिस्टम
स्टेशन के सभी प्लेटफार्मों को इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम के साथ जोडऩे के बाद लीवर सिस्टम (कांटा सिस्टम) ही खत्म हो जाएगा। बटन दबाते ही ऑटोमेटिक ढंग से मार्ग बन जाएगा और ट्रेन को जिस लाइन पर भेजना है, वह चली जाएगी। अभी तक अमृतसर स्टेशन पर कांटा सिस्टम केतहत ही यह सारा काम हो रहा था। इस सारे सिस्टम को गोलबाग साइड स्टेशन केगेट केपास ही बनी बिल्डिंग में से मैनेज किया जाएगा।
मैन पावर भी कम हो जाएगा
लीवर सिस्टम के तहत ट्रैक बदलने के लिए अमृतसर में 3 कैबिन बने हैं, जहांसे आन ेवाली ट्रेनों को सिग्नल दिया जाता है। इससे मैन पावर भी ज्यादा खर्च होती है। इन कैबिनों में लगे लीवर भी लोहे केहोने के कारण खराब हो चुके हैं। कई लीवरों को तो जंग भी लग चुका है। इस सभी समस्या पुरानी तकनीक से निजात पाने के लिए रेलवे ने जुलाई 2017 से इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम के तहत मार्ग बनाने का काम शुरू किया था।