अमृतसर ब्लास्ट: BSF ने 6 फरवरी को ही कर दिया था पंजाब में दहशतगर्दी होने का खुलासा

Edited By Vatika,Updated: 19 Nov, 2018 10:12 AM

amritsar nirankari bhawan attack

पंजाब में जम्मू-कश्मीर के आतंकियों की घुसपैठ की पुष्टि होने के बाद यह साबित हो चुका है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आई.एस.आई. पंजाब में एक बार फिर से जहां तीसरे हमले की फिराक में है, वहीं धार्मिक कट्टरता की आड़ में पंजाब का माहौल भी खराब करना चाहती...

अमृतसर (नीरज): पंजाब में जम्मू-कश्मीर के आतंकियों की घुसपैठ की पुष्टि होने के बाद यह साबित हो चुका है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आई.एस.आई. पंजाब में एक बार फिर से जहां तीसरे हमले की फिराक में है, वहीं धार्मिक कट्टरता की आड़ में पंजाब का माहौल भी खराब करना चाहती है। कस्बा अजनाला के राजासांसी के गांव अदलीवाल में बम विस्फोट का मामला सामने आने के बाद यह भी माना जा रहा है कि दहशतगर्दों ने अपने मंसूबों को अंजाम देने के लिए शक्तिशाली हैंड ग्रेनेड का इस्तेमाल किया है।
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इस मामले में बेशक सुरक्षा एजेंसियों और पंजाब पुलिस की लापरवाही की बात कही जा रही है, लेकिन इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय व बी.एस.एफ. ने 6 फरवरी, 2018 को ही खुलासा कर दिया था कि पंजाब में दहशतगर्दी की कोशिश की जा रही है और इस मामले में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आई.एस.आई. और पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन शामिल हैं। जानकारी के अनुसार, बी.एस.एफ. की 164वीं बटालियन ने 6 फरवरी के दिन हथियारों का एक बड़ा जखीरा जब्त किया था, जिसमें 3 ए.के. 47 असाल्ट, 6 हैंड ग्रेनेड, 250 जिंदा कारतूस, 2 पिस्टल व 8 मैगजीन शामिल थीं। जिस क्षेत्र में हथियारों का जखीरा पकड़ा गया था, वह अजनाला व गुरदासपुर का एक मिला-जुला इलाका है, जहां से बी.एस.एफ. अमृतसर सेक्टर व बी.एस.एफ. गुरदासपुर सेक्टर की सीमा पाकिस्तान के साथ लगती है। बी.एस.एफ. की तरफ से जब्त किए गए खतरनाक हथियार किसी भी सैनिक दस्ते या फिर मुंबई हमले जैसे कांड को दोहराने के लिए पर्याप्त थे। मुंबई हमले में पहले पिस्टल का ही प्रयोग किया था।

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हेरोइन तस्कर नहीं मंगवाते हथियारों की खेप
आमतौर पर भारत-पाकिस्तान से सटे पंजाब के 553 किलोमीटर लंबे बॉर्डर पर बहुत कम मामले ऐसे सामने आए हैं, जब हेरोइन तस्करों ने हथियारों का जखीरा मंगवाया हो। आमतौर पर हेरोइन तस्कर केवल हेरोइन की खेप ही पाकिस्तान से मंगवाते हैं। हां, इक्का-दुक्का विदेशी पिस्टल जरूर हेरोइन की खेप के साथ लाते पकड़े जा चुके हैं, लेकिन हैंड ग्रेनेड, ए.के. 47 और 250 जिंदा कारतूस पकड़ा जाना यह साबित करता है कि हथियारों का यह जखीरा किसी तस्कर ने नहीं, बल्कि आतंकी संगठन ने ही मंगवाया था, जिसे बी.एस.एफ. ने नाकाम कर दिया था।

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सैनिक छावनियों व ठिकानों पर लगाई जा चुकी हैं कंटीली तारें
केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से चेतावनी दिए जाने के बाद बी.एस.एफ. के साथ-साथ सेना भी पूरी तरह से अलर्ट है। हाल ही में बी.एस.एफ. की तरफ से पंजाब की संवेदनशील बी.ओ.पीज पर नफरी को बढ़ाया गया है और कई अतिरिक्त बटालियनें तैनात की गई हैं। यही कारण है कि इस बार पंजाब में हेरोइन के सीजर काफी कम हुए हैं। वहीं, सैनिक छावनियों व ठिकानों के चारों ओर भी सेना की तरफ से जबरदस्त सुरक्षा चक्र बनाया गया है। सैनिक ठिकानों के आसपास ऊंची-ऊंची कंटीली तारें व सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाए गए हैं, जिनको आतंकवादी आसानी से भेद नहीं सकते।

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पाकिस्तान में डेरा जमाए बैठे हैं कट्टरपंथी खालिस्तानी संगठन
राजासांसी के अदलीवाल बम ब्लास्ट कांड में हालांकि सुरक्षा एजेंसियों की तरफ से इस बात की पुष्टि नहीं की गई है कि निरंकारी सत्संग भवन में हमला किस संगठन ने किया है। सत्संग भवन के गेटकीपर की तरफ से बताया गया है कि हमला करने वाले युवकों ने दस्तार सजाई हुई थी, लेकिन इसका अर्थ यह भी नहीं है कि यह हमला किसी कट्टरपंथी खालिस्तानी समर्थक दल की तरफ से किया गया है। सुरक्षा एजेंसियां अभी तक इस मामले की जांच में जुटी हुई हैं, लेकिन इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि निरंकारी समाज व कट्टरपंथी सिख संगठनों की आपसी खींचतान काफी पुराने समय से चली आ रही है। भारत में खालिस्तान का समर्थन करने वाले कट्टरपंथियों को आज भी पाकिस्तान सरकार ने शरण दी हुई है।

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हिंदू नेता विपन शर्मा की हत्या करते समय भी गैंगस्टरों ने धारण किया था सिख वेश
हिंदू नेता विपन शर्मा की हत्या करते समय भी गैंगस्टरों ने जानबूझकर सिख वेश धारण किया था, ताकि पुलिस जांच को भटकाया जा सके और हिंदू-सिख एकता को भंग किया जा सके। विपन शर्मा की हत्या ऐसी लगे जैसे किसी कट्टरपंथी सिख संगठन की तरफ से की गई है, लेकिन पुलिस की मुस्तैदी के चलते गैंगस्टर सारज सिंह मिंटू, गैंगस्टर शुभम का नाम सामने आया जो पुलिस की जांच को भटकाने का प्रयास कर रहे थे। इसकी वजह यह है कि उस समय आर.एस.एस. नेताओं की हत्या किए जाने के कई मामले हुए थे और पुलिस भी कट्टरपंथी खालिस्तानी समर्थकों के एंगल की जांच कर रही थी।


 

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