Edited By Anjna,Updated: 24 May, 2018 08:23 AM
एक तरफ तो सरकार किसानों के सहकारी बैंक के कर्ज माफी के दावे कर रही है वहीं दूसरी तरफ पंजाब सरकार से संबंधित सहकारी बैंक किसानों की मेहनत के साथ इकट्ठी की जमा पूंजी को अंदर ही अंदर से निगलने में लगे हुए हैं।
अमृतसरः एक तरफ तो सरकार किसानों के सहकारी बैंक के कर्ज माफी के दावे कर रही है वहीं दूसरी तरफ पंजाब सरकार से संबंधित सहकारी बैंक किसानों की मेहनत के साथ इकट्ठी की जमा पूंजी को अंदर ही अंदर से निगलने में लगे हुए हैं। ताज़ा मामला सीमावर्ती तहसील अजनाला का सामने आया है,जहां दो किसान भाइयों ने अमृतसर सहकारी बैंक में अपना खाता खुलवाया था,जिसमें करीब 16 लाख रुपए जमा थे। हैरानी की बात तो यह है कि दोनों किसान भाई बैंक के ही एक कर्मचारी के ठगी के शिकार हो गए।
पीड़ित किसान अब इंसाफ़ की मांग कर रहे हैं। दूसरी तरफ़ बैंक अजनाला के मैनेजर ने बताया कि सिकंदर सिंह नाम का कर्मचारी नया भर्ती हुआ था जिसने यह सब घोटाला किया है। बैंक के ज़िला अधिकारी इस मामले से जुड़े आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कह रहे हैं। हर कोई सोचता है कि उसकी बैंक में पड़ी रकम पूरी तरह से सुरक्षित है, किंतु यदि उस नकदी को बैंक कर्मचारी आपसी मिली भगत के साथ ही निगल जाएं तो एक आम आदमी के सजाए सपनों का क्या हाल होगा,वह इस मामले से साफ हो जाता है |