Edited By swetha,Updated: 25 Oct, 2018 10:28 AM
: जौड़ा फाटक के नजदीक मोहकमपुरा चौक के समीप रहने वाले जतिंदर दास (27) अब इस दुनिया में नहीं रहे, उनकी चिता जल चुकी है। डेढ़ साल का बेटा शिवम जो 19 अक्तूबर को विजयदशमी के दिन मिट्टी से खेल रहा था, हादसे के 24 घंटे बाद शिवम को मिट्टी में दफन कर दिया...
अमृतसर (स.ह.): जौड़ा फाटक के नजदीक मोहकमपुरा चौक के समीप रहने वाले जतिंदर दास (27) अब इस दुनिया में नहीं रहे, उनकी चिता जल चुकी है। डेढ़ साल का बेटा शिवम जो 19 अक्तूबर को विजयदशमी के दिन मिट्टी से खेल रहा था, हादसे के 24 घंटे बाद शिवम को मिट्टी में दफन कर दिया गया। मां आरती बेसुध अस्पताल में उपचाराधीन है।
मूल रूप से बिहार के भागलपुर जिले के गांव ममुलक्खा, थाना सबौर का रहने वाले जतिंदर दास की शादी 2016 में हुई थी। वह मेहनत मजदूरी से परिवार का गुजारा चला रहा था, लेकिन होनी इतनी बलवान थी कि न चाहते हुए भी वह भाई व रिश्तेदारों की जिद पर रावण दहन देखने चला गया, लेकिन लौटा नहीं। इलाज के लिए दाखिल आरती का सुहाग व वंश दोनों उजड़ गया है, शिवम इकलौती संतान थी। आरती अभी पति व बेटे की मौत से अंजान है।
पंजाब केसरी’ के साथ बातचीत करते हुए जतिंदर दास के भाई मिथुन दास कहते हैं कि घर में 2 मौतें हुई हैं, एक मौत व जिंदगी के बीच जूझ रही है। सरकार की तरफ से अभी तक कोई सहायता नहीं मिली है, लिखकर ले गए हैं। जतिंदर दास के पिता सालिगराम दास व मां फूलो देवी गांव में रहते हैं, लेकिन उन्हें भी बेटे व पोते की मौत की जानकारी नहीं दी गई है।
मरने वालों में सबसे छोटी उम्र का था शिवम
शिवम की मौत इतनी दर्दनाक थी कि उसे बताते हुए भी रूह कांप जाती है। जो शिवम 24 घंटे पहले मिट्टी से खेल रहा था उसे मिट्टी में दफन करने वाले फूट-फूट कर रो पड़े। कान्हा बने शिवम की तस्वीर देख परिवार के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। रेल हादसे में शिवम सबसे छोटी उम्र का बच्चा था, जो हादसे का शिकार बना।
मामा व भाई की मौत का सदमा
मेला देखने के लिए जतिंदर दास के साथ उसकी भांजी रूपा भी गई थी, कुल 8 लोग थे। 5 घर लौटे और 3 को अस्पताल ले जाया गया। रूपा (16) ने अपनी आंखों से जब मामा (जतिंदर दास) को ट्रेन से कटते और डेढ़ साल के भाई (शिवम) को पैरों से कुचलते देखा तो वो इतनी सहम गई है कि खून की उल्टियां करने लगी है। बातचीत नहीं कर पाती। 2 दिन अस्पताल में इलाज चलने के बाद उसे छुट्टी दे दी गई, लेकिन पिछले 5 दिनों से वह वैसे ही गुमसुम है न बोलती है न सुनती है, बस एकटक देखती रहती है।