अमृतसर निगम में 100 करोड़ रुपए से अधिक के घोटाले का पर्दाफाश

Edited By Vaneet,Updated: 02 May, 2018 09:25 PM

american corporation scandal exposes more than rs 100 crores scam

अमृतसर नगर निगम में लेखा परीक्षा दौरान एक सौ करोड़ रूपए से ज्यादा के घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। स्थानिक निका..

अमृतसर: अमृतसर नगर निगम में लेखा परीक्षा दौरान एक सौ करोड़ रूपए से ज्यादा के घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। स्थानिक निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू और लेखा परीक्षा आधिकारियों ने प्रेसवार्ता में बताया कि अप्रैल 2007 से लेकर 31 मार्च 2017 तक के कार्य काल दौरान अलग-अलग तरीकों से लोगों के पैसों की लूट की गई है, जिसमें कर्मचारियों का प्राविडेंट फंड, बैंक खातों में हेरफेर, संपति कर खजाने में जमा न करवाना, लीका पर दी गई संपतियों का घपला और विज्ञापन द्वारा की जाने वाली कमाई में बड़े घपले सामने आए हैं।  

 

सिद्धू ने बताया कि सरकार की नीति के अंतर्गत हर एक लेने-देने का दोहरा इंदराज होना जरूरी हैं ताकि आमदनी और किए गए खर्च का सही हिसाब रखा जा सके, परन्तु कार्पोशन और नगर सुधार ट्रस्ट ने ऐसा नहीं किया। उन्होंने बताया कि एक ही इंदराज में आमदन और खर्च का हिसाब रखने की नीति अपना कर लगातार घपला किया जा रहा है। इसी तरह कैशबैक भरी नहीं गई और कई सालों से संबन्धित विभाग के प्रमुखों ने कैशबुक पर दस्तखत नहीं किए। 

 

उन्होंने बताया कि सरकारी नियमों अनुसार एक विभाग के तीन से अधिक बैंक खाते नहीं हो सकते, लेकिन नगर सुधार ट्रस्ट के 71 और अमृतसर निगम के 51 बैंक खाते मिल चुके हैं। उन्होंने बताया कि अभी संभावना है कि और बैंक खाते भी मिलेंगे। सिद्धू ने बताया कि अमृतसर कार्पोशन में कर्मचारियों के भविष्य निधि खातों में बड़ी घपलेबाजी का पता प्राथमिक जांच में लगा है, जिसमें जाली नामों पर चैक जारी किए मिले हैं। उन्होंने बताया कि संपति कर में लोगों से पैसा निगम के कर्मचारी लेते रहे हैं, लेकिन आगे वह सरकारी खजाने में जमा नहीं हुए। संपति कर की वसूली के लिए छपावाई गई 2535 रसीद बुक्क अभी तक वापस दफ्तर में जमा नहीं हुई और इन रसीदों का करोड़ों रुपया डकार लिया गया है। 

 

सिद्धू ने शहर में लगे यूनीपोल संबन्धित जानकारी देते हुए कहा कि सरकार की नीति अनुसार शहर में 200 यूनीपोल इश्तहारों के लिए किराए पर लगाए जाने थे, जबकि 217 लगाए गए। इस तरह अधिक यूनीपोल लगा कर लगभग डेढ़ करोड़ का घपला किया गया है। उन्होंने कहा कि इन ठेकेदारों की तरफ भी करोड़ों रुपए बकाया है। सरकारी जायदाद की बात करते हुए सिद्धू ने बताया कि नगर सुधार ट्रस्ट ने अपनी, जायदादें किराए या लीज पर दी उनकी तरफ 3.48 करोड़ रुपए बकाया पड़े हैं। ज्यादातर जायदादों का कोई इकरारनामा नहीं किया गया और न ही एडवांस पैसे लिए गए हैं। 

 

उन्होंने बताया कि निगम ने तो अभी तक अपनी जायदादों की सूची ही ऑडिट टीम को नहीं दी। सिद्धू ने इस घुटाले का जिक्र करते कहा कि यह तो शुरुआत है अभी जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी ओर घुटाले सामने आऐंगे। उन्होंने कहा कि वह यह रिपोर्ट लेकर मुख्यमंत्री के पास जाएंगे और विभागीय आधिकारियों के विरुद्ध खुद कार्यवाही करके दूसरों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की मांग करेंगे। उन्होंने कहा कि अमृतसर के बाद पूरे पंजाब की निगमों का थर्ड पार्टी आडिट करवा कर यह घोटाले सामने लाए जाएंगे और किसी को जनता का पैसा खाने नहीं दिया जाएगा। 

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